प्रयागराज: उत्तर प्रदेश योगी सरकार लगातार माफिया के खिलाफ एक्शन कर रही है इसी के तहत प्रयागराज माफिया अतीक अहमद के परिवार और उनके करीबियों पर लगाता एक्शन किया जा रहा है. उमेश पाल हत्याकांड के बाद शासन का एक्शन और गहरा हो गया है. एसटीएफ की जांच के दौरान भी कई बड़े खुलासे हुए हैं. अब ये बात सामने आ रही है कि माफिया अतीक अहमद सियासत का हाल-चाल जानने के लिए जेल से ही अपने सफेदपोश करीबी को फोन करता था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आपको बता दें कि अतीक अहमद अपने एक सफेदपोश करीबी से हर बात साझा करता था. वह मोबाइल के जरिए साबरमती जेल से रोजाना किसी न किसी बहाने उसे फोन करके प्रयागराज और उत्तर प्रदेश में चल रही सियासत का हाल भी लेता था. खास बात ये है कि राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल को ठिकाने लगाने के बाद अतीक ने इसी करीबी से कहा था, टाइमिंग गलत हो गई...


आपको बता दें कि यूपी एसटीएफ अब अतीक के इसी सफेदपोश करीबी को तलाश रही है. जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या के बाद वो भी पुलिस से बचने के लिए भूमिगत हो गया है.


दरअसल, एक कॉल रेकॉर्डिंग में अतीक सफेदपोश करीबी से उससे बोल रहा है कि सुबह से सौ बार फेसटाइम पर बात करने की कोशिश कर चुका हूं, उठाते क्यों नहीं हो. बता दें कि ये कॉल अतीक ने फेसटाइम पर संपर्क न होने पर अपने की थी. अब इसका पूरा ब्याेरा एसटीएफ के पास मौजूद है.


आपको बता दें कि अतीक का करीबी मल्ली साबरमती जेल के पास होटल में रुका था. अतीक के गुर्गे आसिफ उर्फ मल्ली के बारे में यूपी एसटीएफ ने गुजरात से भी जानकारी जुटाई है. जांच के दौरान यूपी एसटीएफ गुजरात में अतीक के गुर्गों के फ्लैट तक भी पहुंची. जानकारी के मुताबिक मल्ली हरियाणा होते हुए गुजरात पहुंचा था. जांच में पता चला है कि मल्ली ने रोहतक के एक माफिया के यहां दो दिन शरण भी ली थी.


जानकारी के मुताबिक मल्ली ने साबरमती जेल के पास ही होटल लिया था. उमेश पाल हत्याकांड मामले में एसटीएफ और पुलिस की 15 से अधिक टीमें यूपी के साथ ही 7 प्रदेशों और नेपाल में लगातार दबिश दे रही हैं.


वहीं, उमेश पाल हत्याकांड मामले में यूपी एसटीएफ ने कुल 153 लोगों की सूची बनाई है. इस सूची में साल 2007 से अतीक के लिए काम करने वाले तमाम गुर्गों और अतीक के फाइनेंसरों का नाम भी शामिल है. सूची के आधार पर अब उन सभी की तलाश की जा रही है. इस सूची में अतीक के साथ कई घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर अपराधियों के भी नाम हैं.