लखनऊ: प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस ने आज एक और आरोपी का एनकाउंटर कर दिया. इस बार विजय कुमार नाम के बदमाश का एनकाउंटर हुआ जिसने उमेश पाल पर सबसे पहली गोली चलाई थी. मारा गया विजय कुमार उर्फ उस्मान चौधरी पर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम रखा था. ADG लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इस मुठभेड़ को लेकर लखनऊ में प्रेस कॉफ्रेस कर मीडिया को संबोधित किया . 


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 लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की पीसी की बड़ी बातें
 लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार कि आज सुबह प्रयाग पुलिस को बड़ी सफलता मिली.  लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार पुलिस ने उस्मान को एक मुठभेड़ में मार गिराया.  एक सिपाही इसमें घायल हो गया जिसका इलाज चल रहा है. ये व्यक्ति उमेश पाल और जवान को गोली मारते देखा गया था.  इसके पास से एक अवैध 32 बोहर का असलहा भी बरामद हुआ.


कोई बख्शा नहीं जाएगा 
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि किसी भी हमलावर को बख्शा नहीं जाएगा.  इस शातिर बदमाश ने पुलिसवालों पर भी फायर किया था.  विजय चौधरी उर्फ उम्मान आज सुबह कौंधियारा क्षेत्र में मुठभेड़ में घायल हुआ. इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उसकी मौत हो गई. इस मामले की जांच के लिए हमारा सभी एजेंसी और अन्य राज्य के साथ समन्वय बना हुआ है.  इस घटना में विवेचना चल रही है.


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पुलिस खंगालेगी कुंडली
उन्होंने कहा कि सबने देखा था कि कैसे जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया.  हत्याकांड में शामिल प्रत्येक अपराधी को पुलिस कानून के हवाले करेगी.  अब पुलिस विजय चौधरी की कुंडली खंगाल रही है कि वो कब और कैसे उम्मान बन गया.


उस्मान और विजय चौधरी के नाम के सवाल पर
वर्तमान में जो भी करवाई हुई इसमें यही पाया गया की ये उस्मान है बाकी जांच चल रही है.


आरोपियों की होगी गिरफ्तारी
आरोपियों के विदेश भागने की खबरों पर यूपी पुलिस के एडीजी ने कहा कि कहीं भी चले जाएं, उनकी गिरफ्तारी की जाएगी. उन्हें सजा दिलाई जाएगी. पुलिस को लगातार सफलता भी मिल रही है. बहुत जल्द ही और लोग भी गिरफ्त में होंगे. उमेश पाल एक महत्वपूर्ण गवाह थे, इसी वजह से इस घटना को अंजाम दिया गया था. 


24 फरवरी को हुई थी राजू पाल की हत्या
24 फरवरी की शाम में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश की हत्या की गई थी. उस दौरान उनकी सुरक्षा में लगे 2 पुलिस कर्मी जिनकी बाद में मृत्यु हो गई. शहीद जवान के परिवार को शासन द्वारा अनुमान सहायता राशि दी गई. धूमनगंज में जो मुकदमा लिखा गया था उसमें 6 नामजद थे और कई अज्ञात थे. इस क्रम में पुलिस ने विशेष टीम और एसटीएफ लगाई गई थी और प्रतिदिन इसका अनुश्रवण डीजीपी द्वारा खुद ही किया जाता था.  24 फरवरी को इससे जुड़े एक व्यक्ति अरबाज़ की पुलिस मुठभेड़ में मौत हुई थी और सदाकत को 27 को जेल भेजा गया था. सभी अभियुक्त के खिलाफ पहले 25 फिर 50 हज़ार और फिर 5 अभियूत के विरुद्ध 2.5 लाख का इनाम डीजीपी द्वारा घोषित किया गया था. 


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