सईद हुसैन अख्तर/प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में घायल गनर राघवेंद्र सिंह की लखनऊ में मौत हो गई है. राघवेद्र को इलाज के लिए पीजीआई लखनऊ में भर्ती करया गया था. यहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. इस मौत से परिजनों में मातम छा गया वहीं, अब तक उमेश पाल हत्याकांड में मरने वालों की संख्या 3 हो गई है. बता दें कि उमेश पाल और उनके दूसरे गनर संदीप निषाद की शूटआउट के दौरान मौके पर मौत हो गई थी. 


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पैतृक गांव में मचा कोहराम
शहीद राघवेंद्र सिंह की मौत की खबर आते ही उनके पैतृक गांव में कोहराम मच गया. राघवेंद्र रायबरेली के लालगंज थाना इलाके के कोरिहरा गांव के रहने वाले थे. यहां पूरा परिवार उनके जल्द ठीक होने की कामना कर रहा था. बताया जा रहा है राघवेंद्र के पिता भी पुलिस में थे. अपने पीछे वे अपने परिवार में मां, बहन और भाई को छोड़ गए हैं. बेटे की मौत से पूरा परिवार होशो हवास खो बैठा है. शहीद की मां ने मुख्यमंत्री से परिवार को 1 करोड़ रुपए के साथ मृतक राघवेंद्र के छोटे भाई, बहन को सरकारी नौकरी की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.


साथ ही मां अपर्णा सिंह ने कहा कि जिन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है उनके सामने पहले उनके बच्चों को काट डाला जाए और उसके बाद अपराधियों को सजा दी जाए. इससे उन्हें पता चले की एक मां को उसके बेटे की हत्या किए जाने पर कितना दुख होता है. 


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एसआरएन अस्पताल में किया गया था भर्ती
आपको बता दें शूटआउट के बाद राघवेंद्र को प्रयागराज स्थित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया था. यहां प्राथमिक उपचार के बद उन्हें लखनऊ के पीजीआई अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था. प्रयागराज से लखनऊ पीजीआई करीब 186 किमी दूर है, इसे एंबुलेंस ने 2 घंटे 24 मिनट में पूरा किया था. बताया जा रह है निगोहां बॉर्डर से एंबुलेंस करीब 86 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़कर लखनऊ स्थित पीजीआई पहुंची थी. 


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