Uniform Civil Code: देश में सामान नागरिक संहिता को लेकर लंबे समय से बयान दिए जा रहे हैं. कई लोग इसकी मांग भी कर रहे हैं. इस बीच समान नागरिक स‍ंहिता को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी बैठक करने जा रहा है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड  ने 5 फरवरी को लखनऊ में बैठक बुलाई है. खास बात यह है कि इस बैठक में एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद रहेंगे. उनके साथ अरशद मदनी और पर्सनल लॉ बोर्ड से जुड़े अहम शख्सियत मौजूद रहेंगे. बैठक में मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. 


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किरेन रिजीजू ने राज्‍यसभा दी थी प्रतिक्रिया 
इससे पहले केंद्र सरकार ने समान नागरिक संहिता को लेकर प्रतिक्रिया दी थी. केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा में कहा था कि 22वां विधि आयोग समान नागरिक संहिता से संबंधित मामले पर विचार कर सकता है. उन्होंने बताया कि सरकार ने भारत के 21वें विधि आयोग से अनुरोध किया था कि समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न विषयों का परीक्षण करें और उस पर अपना सुझाव दें.


केंद्र सरकार ने स्‍पष्‍ट की स्थिति 
रिजीजू ने कहा कि 21वें विधि आयोग की अवधि 31 अगस्त 2018 को समाप्त हो गई. उन्होंने कहा कि विधि आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार समान नागरिक संहिता से संबंधित मामला 22वें विधि आयोग द्वारा अपने विचार के लिए लिया जा सकेगा. अतः समान नागरिक संहिता लागू करने पर कभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.


भाजपा का चुनावी मुद्दा था 
बता दें कि समान नागरिक संहिता भारतीय जनता पार्टी का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है. वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यह भाजपा के प्रमुख चुनावी वादों में शुमार था. उत्तराखंड और गुजरात जैसे भाजपा शासित कुछ राज्यों ने इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाया है.


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