विश्वविद्यालयों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का संदेश, कही ये बड़ी बात
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालयों को भी आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को नौकरी नहीं बल्कि सेवा भाव से काम करना चाहिए.
विशाल रघुवंशी/लखनऊ: एरा विश्वविद्यालय में नेशनल असेसमेंट एक्रीडेशन काउंसिल (नैक) की ओर से दो दिवसीय असेसर्स ओरिएंटेशन प्रोग्राम (एओपी) का उद्घाटन शुक्रवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया. इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों को भी आत्मनिर्भर बनाना होगा. उन्होंने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों को नसीहत देते हुए कहा कि हमें सिर्फ नौकरी नहीं सेवा भाव से कार्य करना चाहिए. इस भाव से काम करने पर ही हम देश के भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यकाल तीन साल का हेता है. इसमे से आठ माह तो उसे यूनिवर्सिटी का माहौल समझने में लग जाता है. जब नैक के मूल्यांकन की बात आती है तो उसके सहयोगी उसे यह कह कर टाल देते हैं कि आप तो तीन साल के लिए हैं और हमे 30 साल से नौकरी कर रहे हैं.
जातिवाद से ऊपर उठने का आह्वान
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि शिक्षकों के प्रभाव के आगे कुलपति दब जाता है. कभी-कभी कुलपति को उसकी जाति की वजह से भी शिक्षकों का सहयोग नहीं मिल पाता है. इससे संस्था का तो नुकसान होता ही है, साथ में छात्रों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है. शिक्षकों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि उनके व्यक्तित्व की छात्रों पर पड़ती है लेकिन हमने इस व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास किया है. हमें खुद भी इस कार्य में लगना पड़ा. अब काफी चीजें सही हो रही हैं.
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प्रबुद्ध जनों ने किया शिरकत
एरा विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति जमाल मसूद के साथ साथ एरा विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर मीसम अली खान, राज्यपाल के प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी सहित नैक के अधिकारी और 43 विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के कुलपति, प्रधानाचार्य व प्रोफेसर उपस्थित थे.