ज्ञानेंद्र प्रताप/उन्नाव: खेतों तक पानी पहुंचे इसके लिए सरकार माइनर और रजवाहों की सफाई करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. मगर सिंचाई विभाग के अफसर माइनर की सफाई न कराकर किसानों के हित में जारी किए इन रुपयों का जमकर बंदरबांट कर रहे हैं. उन्नाव में नहर विभाग के शारदा खंड का ऐसा ही कारनामा सामने आया है. विभाग से निकलने वाले आधा दर्जन माइंनरों, राजबहों की केवल कागजों पर सफाई कर दी गई है. आइए बताते हैं पूरा मामला.


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किसान नहीं कर पाते खेती
आपको बता दें कि किसानों ने शारदा खंड के ये कारनामें खुद उजागर किए. किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि हर बार माइनरों और रजवाहों की केवल कुछ दूर ही सफाई की जाती है. बाकी माइनर में सफाई नहीं होती. इनमें जमी घास, सिल्ट वैसे ही छोड़ दिया जाता है. इससे खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता. वहीं, पानी न मिलने की वजह से किसान खेती-बाड़ी भी नहीं कर पाते हैं.


जानकारी के मुताबिक उन्नाव में नहर विभाग के शारदा खंड में सफाई के नाम पर जमकर धांधली की गई है. विभाग की पुरवा ब्रांच से निकले बिछिया ब्लॉक के जगदीशपुर माइनर में महज कुछ दूर सफाई करके खाना पूर्ति की गई है. माइनर में जगह-जगह अभी भी सिल्ट और घास फूस जमी नजर आ रही हैं. यहां के किसानों ने बताया कि हर-बार ऐसा ही होता है. सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है, जिससे खेतों में पानी तक नहीं जा पाता.
 
इस मामले में किसानों ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वह महज इसलिए धान की खेती नहीं कर पाते क्योंकि सफाई न होने से उनको समय से पानी नहीं मिल पाता. कुछ ऐसा ही हाल डकौली माइनर, सुनेधा माइनर, तरगांव, जरगांव, भटखेरवा माइनर का भी है. इलाके के आस-पास के किसानों ने बताया कि माइनर में महज कुछ दूर सफाई की जाती है, पूरे माइनर की कभी सफाई ही नहीं होती. ऐसे में किसान क्या करे ये तो राम ही जानें. 


मामले में एक्सईएन शारदा खंड ने दी जानकारी
इस मामले में एक्सईएन शारदा खंड उन्नाव शैलेश कुमार सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नहर सफाई हर साल का प्रोग्राम है, जिसमें नहरों की सफाई कराई जाती है. माइंनरों की तो हमेशा सफाई कराई जाती है. कई जगह काम अच्छा हुआ है, जहां पर भी काम में खराबी है, उसे दिखावा लेता हूं. मामले में कोई भी दोषी होगा, उस पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.