Advocate Strike: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad HC) के मुख्य न्यायाधीश द्वारा अधिवक्ताओं (Advocate Strike) से फिर से काम शुरू करने का अनुरोध किए जाने के बावजूद ‘हाईकोर्ट बार एसोसिएशन’ ने मंगलवार को भी न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है. ऐसे में आज भी इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत प्रदेश भर के वकील न्यायिक कामकाज नहीं करेंगे. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में 5 सितंबर को स्ट्राइक पर रहने का फैसला किया है. 


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हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, सोमवार को कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई गई. इसमें बताया गया कि पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों द्वारा हापुड़ घटना में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई ना किए जाने से हाई कोर्ट के अधिवक्ता काफी आक्रोशित हैं. उन्होंने मंगलवार को भी न्यायिक कार्य ना करने का निर्णय किया है. इससे पहले मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की पीठ ने अधिवक्ताओं से कहा कि अदालतें मंगलवार से काम करेंगी. पीठ ने अधिवक्ताओं से मंगलवार से कामकाज बहाल करने का अनुरोध किया. 


अपर महाधिवक्ता ने पीठ को सूचित किया कि अधिवक्ताओं की मांग मानते हुए सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश को एसआईटी (विशेष जांच दल) का अध्यक्ष बनाया गया है. अदालत ने अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया और राज्य के अधिकारियों को किसी भी अधिवक्ता, चाहे वह इस घटना में नामजद हो या नहीं, के खिलाफ किसी तरह की बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करने को कहा. अधिकारियों के ट्रांसफर की मांग पर अदालत ने कहा कि इस चरण में अदालत स्थानांतरण के लिए कोई आदेश पारित नहीं कर सकती क्योंकि एसआईटी की रिपोर्ट आनी बाकी है. वहीं, राज्य विधिज्ञ परिषद ने रविवार को आपात बैठक में प्रदेश के अधिवक्ताओं से छह सितंबर तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया. 


मांगें न पूरी होने पर हड़ताल जारी रखने का फैसला
बार काउंसिल की ओर से मुख्यमंत्री से मिलने का समय, हापुड़ के जिलाधिकारी, एसपी का स्थानांतरण, दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने, वकीलों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमे को वापस करने की मांग की थी. उसके अनुरूप कार्रवाई नहीं होने के चलते हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया है. 


हापुड़ घटना के संबंध में 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित 
CMO उत्तर प्रदेश ने बताया कि हापुड़ घटना के संबंध में CM योगी आदित्यनाथ ने कमिश्नर मेरठ की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी. इस कमेटी में आईजी मेरठ और डीआइजी मुरादाबाद के अलावा सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, लखनऊ हरिनाथ पांडे को भी शामिल किया गया है. चार सदस्यीय जांच समिति को घटना के सभी पहलुओं की जांच करने और एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. 


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