लखनऊ : प्रदेश की योगी सरकार राज्य में पर्यटन (Tourism) को  बढ़ावा देने के लिए लगातार कवायदें कर रही है. इसी कड़ी में सरकार होटलों के प्रापर्टी टैक्स (Property Tax) को कम करने जा रही है. योगी सरकार ने होटलों को उद्योग का दर्जा देते हुए इनपर लगने वाले गृहकर में भारी कमी करने का फैसला किया है. वर्तमान में होटलों से आवासीय भवनों पर लगने वाले गृहकर से छह गुना अधिक होमटैक्स ले रही है. शासन स्तर से लिए गए फैसले के बाद अब सिर्फ तीन गुना गृहकर लिया जाएगा. इससे संबंधित नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को गुरुवार को कैबिनेट (UP Cabinet) बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है. राज्य में होटलों पर गृहकर की दरें अलग-अलग तय की गई हैं. चार सितारा से कम की रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुणा गृहकर लिया जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

चार सितारा व इससे अधिक की रेटिंग वाले होटलों से गृहकर छह गुणा वसूला जाता है. इसी तरह जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, फिर चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा लिया जाता है. नये नियमों के मुताबिक गृहकर में छूट उन्हीं होटलों को मिलेगी, जो पर्यटन विभाग में रजिस्टर्ड होंगे. यदि किसी होटल का पंजीकरण पर्यटन विभाग में नहीं होगा तो उन्हें छूट नहीं दी जाएगी.


नये होटल खुलेंगे
प्रदेश के 17 नगर निगमों में जो होटल हैं उसमें साल 2022-23 में 48.36 करोड़ रुपये का गृहकर वसूला गया था. प्रापर्टी टैक्स की दरें कम होने से नगर निगमों की इनकम में कुछ कमी हो सकती है. हालांकि, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे होटल व्यवसाय में तेजी आएगी और नए होटल खुलेंगे. इससे प्रापर्टी टैक्स में भी वृद्धि की उम्मीद है.


निवेशकों को  मिलेगा नई नीति का लाभ
उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रोत्साहन एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 का लाभ  2017 की पुरानी नीति के अंतर्गत आवेदन करने वाले निवेशकों को भी मिलेगा. कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उत्तर प्रदेश में निवेश की राह और आसान हो गई है. प्रदेश में पहले से निवेश करने वाले उद्यमियों की पुरानी मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है. 


वर्ष 2017 की नीति के तहत केवल स्टांप ड्यूटी में छूट का लाभ लेने वाले उद्यमी उसे वापस कर नई नाीति का लाभ ले सकेंगे. यदि निवेशक को 2017 की नीति के तहत एलओसी (लेटर आफ कम्फर्ट) जारी हो गया है लेकिन उसका लाभ नहीं लिया है तो उसे निरस्त कर नई नीति का लाभ मिलेगा. 


अयोध्या में बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा. अमृत योजना- दो के तहत लगने वाले प्लांट लगाने पर कुल 365.89 करोड़ रुपये खर्च होंगे. नगर विकास के इस प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को मंजूरी दे दी है.


सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक ठेकेदार की
राज्य की सभी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक ठेकेदार की होगी. वर्तमान में अलग-अलग सड़कों के लिए अलग-अलग समयावधि थी, जिसे खत्म कर दिया गया है. इस फैसले से सड़कों की लागत में मामूली वृद्धि होगी क्योंकि पांच साल का रखरखाव शुल्क ठेकेदार को दिया जाएगा.


मौजूदा नियम के तहत PWD में वर्तमान में अनुबंध के तहत राज्यमार्ग, मुख्य जिला मार्ग और अन्य जिला मार्गों के रखरखाव की जिम्मेदारी ठेकेदार की एक वर्ष की होती है. अन्य ग्रामीण मार्गों में रखरखाव अवधि दो वर्ष की है. इस अवधि में कोई टूट फूट होने पर ठेकेदार उसे ठीक कराया है, जिसके लिए उसे कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं किया जाता. 


अब राज्य मार्ग, प्रमुख जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग, शहरी मार्ग और बायपास बनाने वाले ठेकेदार को पांच साल तक मेंटीनेंस का जिम्मा दिया जाएगा. इसके बदले में लागत का 2.5 फीसदी मेंटीनेंस शुल्क भी दिया जाएगा. ग्रामीण मार्गों में मेंटीनेंस शुल्क 7.5 फीसदी होगा. महत्वपूर्ण सड़कों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए ठेकेदारों को 2.5 फीसदी और 5 फीसदी शुल्क अलग से दिया जाएगा. ग्रामीण मार्गों में ये शुल्क 7.5 फीसदी और 10 फीसदी होगा. सामान्य मरम्मत के साथ नवीनीकरण में मेंटीनेंस शुल्क लागत का 15 फीसदी और 25 फीसदी तक होगा. सीमेंट-कंक्रीट मार्ग में भी ठेकेगार को लागत का 2.5 फीसदी मेंटीनेंस शुल्क के रूप में दिया जाएगा.


इन सड़कों को मिली स्वीकृति
योगी कैबिनेट ने दो सड़कों को भी मंजूरी दी गई. इसमें गोरखपुर-महराजगंज मार्ग एचएन सिंह चौराहा से हड़हवाफाटक-जोगेश्वर पासी चौराहा होते हुए गुरु गोरक्षनाथ मंदिर तक चार लेन के चौड़ीकरण शामिल है. इसी तरह गोरखपुर में ही नकहा जंगल-गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास फोर लेन रेल ओवरब्रिज निर्माण को भी स्वीकृति दी गई.


इंजीनियरों की भर्ती का नियम बदला
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग सहायक अभियंता सेवा नियमावली में भी बदलाव कर दिया गया है. पहले अवर अभियंता से सहायक अभियंता के पद 40 फीसदी प्रमोशन से भरे जाते थे. शेष में से 8.33 फीसदी बीटेक वालों के लिए आरक्षित थे. 51.67 फीसदी में सीधी भर्ती होती थी. बीटेक प्रमोशन का कोटा विद्युत यांत्रिकी से खत्म कर दिया गया है. अब 50 फीसदी प्रमोशन और 50 फीसदी सीधे भरे जाएंगे. 


यह भी पढ़ें : Loksabha Chunav 2024: यूपी के मुस्लिम बहुल जिलों में पीएम मोदी की रैली से चुनावी आगाज, दिग्गज मंत्री भी मथेंगे प्रदेश


किसानों को मिलता रहेगा अनुदान
राज्य के किसानों को पीएम कुसुम योजना में 60 फीसदी की सब्सिडी मिलती रहेगी. इसमें किसी तरह की कटौती नहीं की जाएगी. इस संबंध में गुरूवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. मालूम को इस योजना में 40 फीसदी किसान देते हैं, जबकि 30 फीसदी केंद्र एवं 30 फीसदी राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है. ऐसे में यदि केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी की राशि कुल मूल्य पर तय कर दी जाती है तो भी राज्य सरकार अतिरिक्त सब्सिडी देकर इसकी पूर्ति करेगी. यानी किसानों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी में कोई कटौती नहीं होगी.


कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए छह एंटी ड्रोन सिस्टम खरीदने को मंजूरी प्रदान कर दी गयी. इनको सुरक्षा के नजरिए से अति संवेदनशील अयोध्या, काशी, मथुरा, गोरखपुर और लखनऊ मे मुख्यमंत्री आवास के साथ राजभवन, विधानभवन, लोकभवन में लगाया जाना है, ताकि वीवीआईपी की सुरक्षा मजबूत की जा सके.