Meerut Bus Stand: मेरठ में जाम का जंजाल खत्म होगा, बस अड्डों को लेकर योगी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान
Meerut News: जाम से जूझ रही मेरठ की जनता के लिए यूपी कैबिनेट की बैठक में बड़ा अहम प्रस्ताव पारित हुआ है. शहर के बीचोंबीच से बस अड्डा दूसरी जगह स्थानांतरित होगा. जाम की वजह से भैंसाली बस अड्डा और सोहराब गेट बस अड्डा को शहर से दूर ले जाया जाएगा.
Bus Stand in Meerut: जाम से जूझ रही मेरठ की जनता के लिए कैबिनेट की बैटक में अहम प्रस्ताव पारित हुआ है. योगी सरकार ने मेरठ शहर के बीचोंबीच से बस अड्डे को शहर से बाहर स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. जाम की वजह से भैंसाली बस अड्डा और सोहराब गेट बस अड्डे को शहर से बाहर ले जाया जाएगा. इससे मेरठ की जनता को शहर में लग रहे लंबे जाम से निजात मिल जाएगी. इस फैसले से हर कोई खुश नजर आ रहा है. लोगों का कहना है कि शहर को जाम से निजात दिलाने का प्रयास अब धरातल पर नजर आ रहा है.
जल्द शिफ्ट होंगे बस अड्डे
मेरठ में घनी आबादी वाले क्षेत्र से बाद अड्डों को शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैटक में पास हो गया है. इस फैसले के बाद से अब मेरठ की सड़कों पर ट्रैफिक स्पीड तेज होगी, जो बसों के कारण अभी कम है. जल्द ही घनी आबादी में स्थित बस अड्डे जैसे सोहराब गेट, भैंसाली बस अड्डा व अन्य ऐसे ही बस अड्डे को शिफ्ट करने का काम शुरू किया जाएगा.
मेरठ में चल रही ये बसें
यूपी के मेरठ जिले में रोजाना लगभग 1200 बसों का आना जाना होता है. यहां पर करीब 154 सिटी बस चलती हैं, तो वहीं 710 रोडवेज बसों का एक राज्य से दूसरे राज्य तक आना जाना होता है. मेरठ में बडौत डिपो, मेरठ डेपो, गढ़ डेपो, सोहराब गेट डिपो है. यहां पर देश की राजधानी से लेकर राज्य की राजधानी तक बसों का संचालन होता है. यही बस मेरठ में भीषण जाम का कारण भी बनती है.
जाम से परेशान है मेरठ की जनता
घनी आबादी में स्थित सोहराब गेट और भैंसाली बस अड्डा है, जो यहां से गुजरने वालों के लिए मुश्किलें खड़ी करता है. भैंसाली बस अड्डे से दिल्ली, नोएडा, मोदीनगर, गाजियाबाद के साथ-साथ मुजफ्फरनगर, शामली, हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून सहित मसूरी की बसें मिलती हैं. इसके आलावा सोहराब गेट बस अड्डे पर मुरादनगर, बरेली, रामपुर, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, इटावा, कानपुर, हरदोई, संभल सहित अन्य कई जगहों की बसे संचालित होती हैं. इसी वजह से यहां पर सुबह से लेकर शाम तक जाम लगा रहता है.
शहर की ट्रैफिक समस्या खत्म होगी
शहर के विस्तारीकरण के साथ ही जाम की समस्या पर सरकार ध्यान दे रही है. मौजूदा समय में शहर के भीतर 1150 बसें, 80 सिटी बसें, 25 इलेक्ट्रिक बसें और 21 हजार से अधिक ई-रिक्शा का आवागमन है. इन बस अड्डों के बाहर भी यात्रियों को बैठाया-उतारा जाता है. इसी को देखते हुए जाम से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए घनी आबादी में बने बस अड्डों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में पारित किया गया है.