लखनऊ: ​राजनीति में कब क्या दिख जाए कहना मुश्किल है. जी हां, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए यह बात सच साबित हो रही है. इन​ दिनों उत्तर प्रदेश का सियासी पारा गर्म है. वैसे तो चुनावी मैदान में सत्ताधारी भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी, AIMIM समेत अन्य कई दल उतरे हैं. लेकिन मुकाबला मुख्यत: समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच ही बनकर रह गया है. अखिलेश यादव तकरीबन रोज ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विभिन्न मुद्दों पर भाजपा को घेरने की कोशिश करते हैं. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को भी लपेटे में लेते हैं. अब इस चुनावी मौसम में उनके पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गई है.


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दरअसल, 20 दिसंबर को राजस्थान के बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का जन्मदिन होता है. इस मौके पर उन्होंने एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव मधुकरराव भागवत को प्रणाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस तस्वीर के साथ अर्जुन राम मेघवाल ने कैप्शन में लिखा, ''राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम पूज्य सरसंघचालक मा. डॉ. मोहन भागवत जी से आज जन्मदिवस के अवसर पर आत्मीय भेंट करके आशीर्वाद लिया. आपका स्नेह, सहयोग, मार्गदर्शन, सदैव कर्तव्य पथ पर चलते हुए मां भारती की निरंतर सेवा करने की प्रेरणा देता है.'' उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों पहुंचे थे.



अब आप सोच रहे होंगे इसमें क्या ऐसी बात हो गई कि अखिलेश यादव का जिक्र करना पड़ गया. दरअसल, तस्वीर में मोहन भागवत के बगल में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव बैठे नजर आ रहे हैं. इस चुनावी मौसम में जब अखिलेश यादव भाजपा को घेरने के चक्कर में आरएसएस को भी लपेटते हैं, ऐसे में उनसे सवाल पूछा जा सकता है कि आपके पिता जी तो मोहन भागवत के साथ बैठकी कर रहे हैं. अगर आपकी नजर में आरएसएस इतना बुरा संगठन है तो फिर आप मुलायम सिंह यादव से क्यों नहीं पूछते कि वह सरसंघचालक जी के साथ क्या कर रहे हैं?



अखिलेश ने बीते अगस्त में एक बयान में आरोप लगाया था कि भाजपा बूथ स्तर पर साजिश में जुटी हुई है. भाजपा संविधान का सम्मान नहीं करती. वह लोकतंत्र के साथ ठगी करने की रणनीति बना रही है. दूसरे राज्यों से संघ के कार्यकर्ताओं को गांव-गांव पहुंचाया जा रहा है, ताकि बूथ स्तर पर षड्यंत्र किया जा सके. ‘अगस्त क्रांति दिवस’ के मौके पर सपा अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते कहा था कि उसके मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई संबंध नहीं था. उत्तर प्रदेश के लखनऊ में काकोरी शहीद स्मारक का आयोजन बीजेपी का ढोंग है. सोशल मीडिया यूजर्स भी इस तस्वीर के जरिए समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की चुटकी ले रहे हैं. 


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