आलोक त्रिपाठी/ कानपुर देहात : प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में इस समय डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ रहा है. स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हों, इसके लिए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने समय पर डॉक्टरों को अस्पताल में पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि जो मरीज अस्पताल पहुंचते हैं उन्हें बेहतर उपचार मिल सके. इसकी जमीनी हकीकत परखने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक खुद अचौक निरीक्षण भी करते रहते हैं. शासन ने अस्पताल में डॉक्टरों के पहुंचने का समय 8 बजे निर्धारित किया है तो वहीं जब आज जी मिडिया ने 8:30 बजे कानपुर देहात के जिला अस्पताल का रियल्टी चेक किया तो मौके पर सभी डॉक्टर नदारद मिले. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मौके पर सिर्फ जिला अस्पताल के सीएमएस मिले जिन्होंने भी डॉक्टर के नदारद होने के सवाल पर किनारा कर लिया. उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब उन्होंने देना जरूरी नहीं समझा. वहीं दूसरी ओर डॉक्टरों की आस में जनपद के कोने-कोने से आए सैकड़ों मरीज जमीन पर बैठे नजर आए. लेकिन एक भी डॉक्टर आगर जिला अस्पताल में समय से पहुंचता तो उन मरीजों को कुछ तो उपचार मिल पाता. 


यह भी पढ़ें: 66 देशों में बिकने को तैयार हैं यूपी के उत्पाद,  इंटरनेशनल ट्रेड शो में छोटे कारोबारियों को मिलेंगे बंपर ऑफर


जिला अस्पताल का निरीक्षण एसडीएम से लेकर डीएम अक्सर करते रहते हैं. उसके बाद यह हाल है. अब सोचने वाली बात है कि जब जिला मुख्यालय के पास बने जिला अस्पताल की यह हाल है तो जिले के कोने-कोने में बने सीएससी और पीएसी के हाल क्या होंगे. लेकिन जिले के स्वास्थ्य महकमें के जिम्मेदारों की लापरवाही और डॉक्टर का लापरवाह रवैया अब लोगों के लिए आफत बना हुआ है. राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई योजनाएं चलाती है. सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने के प्रयास भी होते हैं लेकिन डॉक्टर और जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदेही से कई बार भागते फिरते हैं. ऐसे में शासन को सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है.


Watch: राखी को इतने दिनों से पहले कभी हाथ से ना उतारें, नहीं तो जान-माल को हो जाता है नुकसान