सहारनपुर: कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में जाने वाले मसूद अख्तर एक बार फिर कांग्रेस में जा सकते हैं. समाजवादी पार्टी से बात ना बनने के बाद मसूद अख्तर ने मन बना लिया है कि वह एक बार फिर कांग्रेस में जाएंगे और सहारनपुर देहात से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं. 


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उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले 10 जनवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव इमरान मसूद के साथ सहारनपुर देहात से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर ने भी कांग्रेस इस्तीफ देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. लेकिन अब वह राजनैतिक भंवर में फंस गए हैं, दरअसल उन्हें समाजवादी पार्टी ने  सहारनपुर देहात पर टिकट नहीं दिया है. बल्कि सहारनपुर देहात से आशु मलिक को समाजवादी पार्टी ने चुनावी टिकट थमा दिया है. 


वहीं, बेहट से दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी के दामाद उमर अली खान को चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें, वह पूर्व में एमएलसी भी रह चुके हैं. साथ ही पहले भी भेंट विधानसभा चुनाव से सपा के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. 


मसूद अख्तर ने बताया कि उनकी लखनऊ में तीन बार अखिलेश यादव से मुलाकात होनी थी. जिसमें 2 बार मुलाकात हो चुकी थी. लेकिन जब तीसरी बार मुलाकात होनी थी, तब अखिलेश यादव ने पहले दिन में टाइम दिया. फिर बाद में टाइम बदलकर शाम का कर दिया गया लेकिन वक्त गुजर गया लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के यहां से पैगाम नहीं आया. जिसके बाद वह बैरंग सहारनपुर लौट आए. 


सहारनपुर में दूसरे चरण में चुनाव होना है, 21 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. सूत्रों की मानें तो मसूद अख्तर एक बार फिर कांग्रेस का दरवाजा खटखटा रहे हैं. संभवता कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वह सहारनपुर देहात से अपनी किस्मत अजमायें. फिलहाल यह तस्वीर 21 जनवरी तक साफ होने की उम्मीद है. लेकिन यह जरूर है कि इमरान मसूद के साथ जाकर मसूद अख्तर ने कांग्रेस से जाने की भूल की थी, उस पर अब वह पछता जरूर रहे हैं.


आपको बता दें कि मसूद अख्तर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 2017 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सहारनपुर देहात विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरकर विधायक बने थे. इससे पहले मसूद अख्तर ब्लॉक प्रमुख और कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. 


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