लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav 2022) के लिए सपा और सुभासपा गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में वाराणसी से सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) योगी के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के खिलाफ मैदान में उतर गए हैं. ओपी वाराणसी (Varanasi) की शिवपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. ओमप्रकाश राजभर के शिवपुर से उतरने से काशी की शिवपुर सीट, हॉट सीट हो जाएगी. 


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बहुत रोमांचक होगा मुकाबला
ऐसे में यूपी विधानसभा चुनाव में वाराणसी की शिवपुर सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो सकता है. इस सीट से योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश ने भी यहीं से चुनाव लड़ेंगे. कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. ओमप्रकाश राजभर के बीजेपी से जुदा होने के बाद से पार्टी अनिल राजभर को ही प्रमोट करती रही है. वैसे भी अनिल और ओमप्रकाश एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं. 


कौन हैं अनिल राजभर?
साल 2017 में अनिल राजभर पहली बार विधायक चुने गए. इस बार भी बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर शिवपुर विधानसभा से वह मैदान में होंगे. अनिल राजभर यूपी की योगी सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं. अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर भी बीजेपी के टिकट पर धानापुर और चिरईगांव विधायक रहे. अनिल ने चंदौली के सकलडीहा पीजी कॉलेज से छात्रनेता के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया. 1994 में वह छात्रसंघ अध्यक्ष बने और इसके बाद जिला पंचायत सदस्य चुने गए. साल 2003 में उनके पिता का देहांत हो गया. फिर वह उपचुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद से अनिल लगातार इलाके में एक्टिव रहे और 2017 के चुनाव में शिवपुर से विधायक चुने गए. 


ओपी राजभर का सियासी सफर
ओम प्रकाश राजभर का जन्म वाराणसी के फत्तेपुर खौंदा सिंधौरा गांव में हुआ. उनके पिता सन्नू राजभर कोयला खदान में काम करते थे. ओपी राजभर कांशीराम से प्रभावित होकर बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे. वह पहला चुनाव बसपा के टिकट पर ही लड़े थे. बसपा छोड़ने के बाद वो अपना दल में भी रहे. बाद में अपना दल से अलग होकर ओम प्रकाश राजभर ने 27 अक्टूबर 2002 को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई.


मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के साथ भी उनका गठबंधन रहा. राजभर पहली बार 2017 में विधानसभा चुनाव जीते और पहली बार में ही वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गए.  2019 में उन्होंने मंत्रीपद छोड़ा और बीजेपी से गठबंधन भी तोड़ दिया. अब 2022 यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ओपी राजभर ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है.


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