मैनपुरी: समाजवादी पार्टी के मुखिया ने आजमगढ़ से उनके लड़ने की सभी संभावनाओं पर विराम लगाते हुए पार्टी के लिए अति सुरक्षित सीट मानी जानी वाली मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके साथ ही आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, इससे पहले उन्होंने विधानसभा में पहुंचने के लिए विधान परिषद का रास्ता चुना था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अखिलेश यादव को भी विधानसभा चुनाव के जंग में बतौर प्रत्याशी उतरना पड़ा है. 


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माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद अखिलेश यादव के लिए बहुत सोच समझ कर करहल सीट का चुनाव किया गया. सवाल यह है कि अखिलेश यादव के लिए करहल सीट कितनी सुरक्षित है? दरअसल, राज्य बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा को यह कहते हुए चुनौती दी है कि अगर करहल सीट अखिलेश यादव को सुरक्षित लगती है तब यह गलतफहमी इस विधानसभा चुनाव में दूर हो जाएगी. 


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करहल सीट पर गलतफहमी में कौन है बीजेपी या अखिलेश यादव? देश के अब तक के सबसे बड़े ओपिनियन पोल के नतीजे से यह गलतफहमी चुनाव के पहले ही दूर हो सकती है. दरअसल, ज़ी मीडिया ने चुनावी इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है जिसके तहत यूपी में करीब 12 लाख लोगों से आमने-सामने बात की गई. 403 विधानसभा सीटों के हर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता से यह जानने की कोशिश की गई कि उसका मूड क्या है और वह अपनी सीट पर किस प्रत्याशी को जिताना चाहता है.


इन सीटों पर मैनपुरी की करहल भी शामिल है जहां से अब अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे. ज़ी मीडिया - Design Boxed के ओपिनियन पोल के मुताबिक इस बार भी यहां सपा की स्थिति मजबूत है. सपा के सोबरन सिंह यादव यहां से 2002 से लगातार चुनाव जीते हैं. हालांकि 2002 में उन्होंने बीजेपी के टिकट से चुनाव जीता था. ज़ी मीडिया - Design Boxed के ओपिनियन पोल में 58 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे विधायक के काम से संतुष्ट हैं. यह स्थिति तब है जबकि राज्य में बीजेपी की सरकार है और करहल के 66 प्रतिशत लोग योगी सरकार के कामकाज से भी खुश हैं. 


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हालांकि पूरी स्थिति तब दिलचस्प हो जाती है जब करहल के मतदाताओं से यह पूछा गया कि वो CM प्रत्याशी के रूप में किसे चाहते हैं. इस सवाल के जवाब में ज्यादातर लोगों ने अखिलेश यादव को अपना पसंदीदा CM प्रत्याशी बताया है. यही नहीं ज़ी मीडिया - Design Boxed के ओपिनियन पोल में ज्यादातर लोगों ने इस सीट पर समाजवादी पार्टी को जिताने की बात भी कही, यानि ओपिनियन पोल के मुताबिक करहल सीट पर सपा जीत रही है और इस बारे में पार्टी और खुद अखिलेश यादव को भी शायद कोई गलतफहमी नहीं है. दरअसल करहल में सपा के वोटर माने जाने वाले यादव मतदाता करीब 28 प्रतिशत और मुस्लिम करीब 5 प्रतिशत हैं. चाचा शिवपाल यादव के साथ आ जाने से यादव वोटों में कोई विभाजन नहीं होगा जिसका सीधा फायदा अखिलेश यादव को मिलेगा.


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