लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग के समक्ष बिजली दरों को लेकर चल रही सुनवाई में बिजली की दरों में कमी का मुद्दा उठाया गया. पावर कारपोरेशन ने स्लैब परिवर्तन पर प्रजेंटेशन की कोशिश की, जिसे आयोग के चेयरमैन ने रोक दिया. रिबेम्प योजना को एआरआर में दिखाने पर आयोग ने इसका अलग से डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किये हैं. 


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जनसुनवाई में बिजली कंपनियों की तरफ से वर्ष 2022-23 के लिए बिजली दर स्लैब परिवर्तन और ट्रू-अप पर मध्यांचल और पूर्वांचल की जनसुनवाई आयोग के द्वारा दोनों कंपनियों की ओर से वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर प्रजेंटेशन दिया गया. 


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500 करोड़ के सलाहकार
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि बिजली कंपनियों के एआरआर व आयोग द्वारा मांगे गये सभी जवाबों का आंकड़ा अलग-अलग होता है, जबकि अलग-अलग हेड में 500 करोड़ से ज्यादा के कन्सल्टेंट भी अलग-अलग कामों के लिए रखे हैं. इसकी जांच होनी चाहिये.


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