गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर पहले से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं का बड़ा केंद्र बिंदु रहा है. योगी सरकार में इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई और आयाम गढ़े जा रहे हैं.पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट रामगढ़ताल में सी-प्लेन चलाने को लेकर शासन से अगले महीने मंजूरी मिल सकती है. 


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गोरखपुर से प्रयागराज तक चलेगी सी प्लेन 
सी प्लेन गुरु गोरक्षनाथ की नगरी रामगढ़ ताल से बाबा विश्वनाथ की नगरी होते हुए प्रयागराज संगम तक चलाया जाएगा. इसको लेकर कवायद तेज हो गई है. यह परियोजना जीडीए और राजस्व के सहयोग से नागरिक विमानन विभाग द्वारा स्थापित व संचालित की जानी है. रामगढ़ताल को पर्यटन की केंद्र बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है.इसे ध्यान में रखकर ही सी-प्लेन, जैसी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की योजना जीडीए ने बनाई है.इससे जहां एक ओर गोरखपुर में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे यहां निवेश बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे. 


50 मिनट में पहुंच जाएंगे प्रयागराज 
केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत देश में 100 सी-प्लेन चलाने की घोषणा की है. जिसमे पहले चरण में स्पाइस जेट को 18 जगहों पर सी-प्लेन चलाने की अनुमति भी मिल गई है. गोरखपुर , वाराणसी और प्रयागराज के बीच भी स्पाइस जेट को सी-प्लेन चलने की जिम्मेदारी दी गई है. गोरखपुर से वाराणसी की दूरी करीब 200 किलोमीटर है, जबकि हवाई मार्ग से ये दूरी बेहद कम है. जिसे पूरा करने में करीब 50 मिनिट का समय लगेगा.


अहमदाबाद में चल रही देश की पहली सी प्लेन 
वहीं, वाराणसी से प्रयागराज की दूरी 125 किलोमीटर है जिसे हवाई मार्ग से पूरा करने में 30 मिनट का समय लगेगा. देश में पहला सी-प्लेन गुजरात राज्य के अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट से केवड़िया चलाया जा रहा है. इसे स्पाइस जेट द्वारा संचालित किया जा रहा है. सी प्लेन में एक साथ 12 लोग सफर तय कर सकते हैं. जीडीए वीसी प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि सी प्लेन के लिए पानी में हवाई अड्डा के लिए जगह चिन्हित हो चुकी है. उन्होंने बताया कि सी-प्लेन के लिए जितने भी मानक तय किए गए हैं, वे सभी मानक रामगढ़ताल में पूरे हो रहे हैं.



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