अतुल मिश्रा/बांदा: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी का कहर जारी है. यहां पर यमुना नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है. साथ ही केन नदी भी खतरे के निशान को पार कर दी है. बांदा में बाढ़ से लोग परेशान हैं. यहां के दस गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ प्रभावित गांवों का जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने निरीक्षण किया और लोगों को रागत समाग्री बांटी. 


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बांदा जिले के दस गावों के 32 परिवार बाढ़ के पानी में घिर गया है.जिलाधिकारी के द्वारा इन लोगों को बाढ़ ग्रस्त इलाकों से बाहर निकालकर स्कूलों और ऊंचे स्थानों पर कैंप में पहुंचा दिया गया है. सभी को राहत सामग्री लाईया, चना, गुड़, दिया और सलाई आदि राहत सामग्री का वितरण किया गया है.वहीं, बाढ़ से प्रभावित परिवारों द्वारा मांग की गई कि प्रत्येक वर्ष बाढ़ के पानी से उनके घर गिर जाते हैं. इसलिए उनको किसी सुरक्षित स्थान पर आवासीय भूमि दिया जाए.  जिलाधिकारी द्वारा तत्काल उपजिलाधिकारी बबेरू को निर्देशित किया गया कि सभी व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए पात्रता की दशा में उपयुक्त स्थान पर आवसीय पट्टे दिए जाए. 


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चित्रकूट के दो दर्जन गांव बाढ़ के चपेट में 
चित्रकूट में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच चुका है जिसके चलते यमुना नदी का बाढ़ का पानी नदी किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गांवों में पहुंच गया है. इस वजह से गांव का संपर्क शहर मुख्यालय से टूट गया है. इसके साथ ही जिन सड़कों पर वाहन चलते थे अब उन सड़कों पर नाव चलती हुई नजर आ रही है. जिन लोगों के घर बाढ़ के पानी से डूब गए हैं उनको प्रशासन द्वारा प्राथमिक कंपोजिट्स विद्यालय के आश्रय स्थल पर रुकवाया गया है. प्रशासन द्वारा खाने-पीने के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके साथ ही लगातार प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए हैं और लोगों से यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की जा रही है. 


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