Ashish Mishra Bail Plea : यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा को जमानत देने का किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में बोली-गलत संदेश जाएगा. 


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 योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की ज़मानत अर्जी का SC में विरोध किया. यूपी सरकार की ओर से पेश AAG गरिमा प्रसाद ने  कहा कि ये  गंभीर अपराध है.  ऐसे केस में अगर आरोपी (आशीष मिश्रा) को जमानत दी जाती है तो समाज में ग़लत संदेश जाएगा. अभी तक दूसरे पक्ष ऐसे कोई फोटो नहीं दे पाया है,  जिससे स्पष्ट हो जाए कि आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, बल्कि वो दंगल स्थल पर मौजूद था. पुलिस चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि आशीष मिश्रा घटनास्थल से भागा था.


पीड़ित किसानों की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने भी ज़मानत अर्जी का जोरदार विरोध किया. दवे ने कहा, कोई हत्या का केस नहीं है, बल्कि ये बेहद गंभीर अपराध है. ये दबंग लोग हैं. आरोपी के पिता (अजय कुमार मिश्रा) प्रदर्शनकारियों को धमकाते रहे हैं. ऐसे में अगर आरोपी को ज़मानत दी जाती है तो निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं हो पाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले जमानत अर्जी के विरोध पर सवाल उठाया.


कोर्ट ने कहा, हम मिश्रा को आरोपी ही मानकर चल रहे हैं. लेकिन यह ऐसा चरण है,जहां आरोप तय हो चुके हैं. चार्जशीट दायर हो चुकी है. ट्रायल कोर्ट कह रहा है कि 5 साल लगेंगे मामले में पूरी सुनवाई करने में. आशंका है कि अगर सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत नहीं मिलेगी तो किसी और अदालत से भी ज़मानत नहीं मिल पाएगी. अगर सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप साबित नहीं हुआ है तो यूपी सरकार  की ओर से ज़मानत विरोध करने की क्या वजह है.


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया के पास बनबीरपुर गांव में 3 अक्टूबर 2021 को किसानों को एक थार जीप से कुचलने की घटना हुई थी. इस घटना में वाहन से कुचले जाने पर चार किसान औऱ एक पत्रकार की मौत हुई थी. जबकि तीन लोग प्रदर्शनकारियों की पिटाई के दौरान मारे गए थे. इस घटना में 10 लोग घायल हुए थे. ये प्रदर्शनकारी वहां तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे, वहां बीजेपी का एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा था.