उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से घर खरीदारों के लिए छूट देने के साथ अब बकायेदारों पर शिकंजा कसने की तैयारी तेज हो गई है. जिले और तहसील में टॉप 10 बकायेदार बिल्डरों की सूची तैयार की जाएगी और उनके ऑफिस सील कर दिए जाएंगे. 


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नोएडा गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा के साथ लखनऊ और अन्य जिलों में ज्यादातर बकायेदार बिल्डर हैं.  रेरा के बकायेदारों के कार्यालय सील किए जाएंगे. मासिक समीक्षा बैठक के बाद ये निर्देश दिए जाएंगे. राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया है. तहसील स्तर पर टॉप 10 बकायेदारों की सूची तैयार की जाएगी. रेरा के मानक न पूरे करने वाले हर जिले और तहसील स्तर पर चिन्हित किए जाएंगे. सरकारी जमीनों से कब्जा मुक्त कराने के निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिए हैं. रेरा को 273 करोड़ रुपये वसूलने की जिम्मेदारी दी गई है.


यूपी सरकार इसके पहले बिल्डरों को बड़ी राहत दे चुकी है. अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए एक अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कोरोना पीरियड को शून्य मानते हुए बिल्डरों को बकाये पर ब्याज छूट दी गई है.सिफारिशों के तहत, जिन घर खरीदारों ने फ्लैट का पूरा पैसा चुका दिया है, उन्हें तय समय पर मकान का कब्जा देने के लिए रजिस्ट्री का रास्ता भी साफ किया गया है. पहले बिल्डरों के बकाये के कारण एनसीआर में लाखों फ्लैट की रजिस्ट्री रुकी पड़ी थी. रजिस्ट्री से सरकार को काफी आय होने का अनुमान है.


रेरा के बकायेदारों की प्रमुख सूची 


अंसल बिल्डर्स
शाइन सिटी
आर संस्
तुलसियानी कंस्ट्रक्शन
पार्थ इंफ्रा
ओमेगा डवलपर्स
पोलर्स इंफ्रा डेवलपर्स
वसुंधरा लोटस
विराज कंस्ट्रक्शन
रोहतास बिल्डर्स
वेल्थ मंत्रा
अवध इंफ्रा लैंड 
यजदान  इंफ्राकान शामिल


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