Stray Animals Issue : सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आवारा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान को कम करने की तैयारी में जुट गई है. इसके लिए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आवारा पशुओं को रखने के लिए सरकार एनजीओ की मदद से लैंड डेवलप करेगी.आवारा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान को विपक्ष हमेशा मुद्दा बनाता रहा है. अब सरकार की तैयारी है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 25 से 30 एकड़ जमीन एनजीओ या किसी संस्था को देखकर वहां कम से कम 2000 आवारा पशुओं को रखा जाए.


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पीपीपी मॉडल पर यह जो जमीन है, उसे विकसित किया जाएगा जहां पर आवारा पशुओं को रखा जाएगा. विधानसभा चुनाव में खुद यूपी में रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समस्या का जिक्र करते हुए कहा था कि इसका समाधान जल्द किया जाएगा.अब सरकार की तैयारी है कि इस तरह से आवारा पशुओं के लिए एक लैंड विकसित करके उन्हें वहीं पर रखा जाए. जल्द ही इसे कैबिनेट में भी रखा जाएगा. पशुपालन विभाग ने योजना तैयार की है.


मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान विपक्ष ने ग्रामीण जिलों में आवारा पशुओं के मुद्दे पर सरकार को घेरा था. कई चुनावी रैलियों में भी सांड़ और अन्य आवारा जानवरों के घुसने के वीडियो भी सामने आए थे. योगी आदित्यनाथ सरकार ने लोगों द्वारा छोड़ दी गायों के लिए जगह-जगह गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है. यूपी बजट 2023 में भी गोवंश संरक्षण के लिए प्रति पशु 900 रुपये हर माह का प्रावधान किया गया था. इसके लिए दो हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया था. 


हालांकि गायों के अलावा नीलगाय, सांड का मुद्दा भी गरम है. इस कारण फसलों के चौपट होने की समस्याएं आती रही हैं. साथ ही तमाम सड़क दुर्घटनाएं भी हुई हैं. सांड़ के हमले में कई आगरा, इटावा, कानपुर समेत कई जिलों में लोगों ने जान भी गंवाई हैं. 


 


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