यूपी में सरकारी अस्पतालों के लिए बड़ा ऐलान, हास्पिटल में रोज बदली जाएंगी मरीज की बेडशीट
यूपी में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहतर बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बड़ा ऐलान किया है. पाठक ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में बिना किसी बहाने के रोज मरीजों के बेड की शीट बदली जाएं.
शुभम पांडेय/लखनऊ : यूपी में सरकारी अस्पतालों की हालत बेहतर बनाने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बड़ा ऐलान किया है. पाठक ने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में बिना किसी बहाने के रोज मरीजों के बेड की शीट बदली जाएं. मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.मरीजों की बेड शीट रोज बदली जाए. ताकि मरीजों को संक्रमण से बचाया जा सके. यह निर्देश मंगलवार को प्रदेश भर के सीएमओ और सीएमएस को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने दिए.
यूपी में 167 बड़े अस्पताल
उत्तर प्रदेश में 167 जिला पुरुष व महिला अस्पताल हैं. 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को इलाज मिल रहा है. 2934 प्राथमिक स्वास्थ केंद्र हैं. 593 शहरी पीएचसी हैं. जबकि 18580 हेल्थ पोस्ट सेंटर हैं. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज व संस्थानों का संचालन हो रहा है. इनमें प्रतिदिन डेढ़ लाख मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. रोजाना 12 हजार से अधिक मरीज घायल अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे हैं. जबकि आठ हजार गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज अस्पतालों में भर्ती किए जा रहे हैं.
संक्रमण से बचाने के लिए बेडशीट बदलना जरूरी
केजीएमयू, लोहिया, पीजीआई, बलरामपुर, सिविल, सैफई, कानपुर के हैलट, जीएसवीएम, बीएचयू समेत दूसरे अस्पतालों के काफी बेड भरे रहते हैं.डिप्टी सीएम ने कहा कि सप्ताह में दिन के हिसाब से बेड शीट तय हैं. मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए रोज बेड शीट बदली जानी चाहिए. इसमें किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए. यदि निर्देश के बाद भी मरीज की बेड शीट रोज नहीं बदली जा रही है तो उसके लिए सीएमओ और सीएमएस जिम्मेदार होंगे. लिहाजा बेड शीट बदले जाने की लगातार निगरानी करें.
चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी
डिप्टी सीएम ने कहा,सभी अस्पताल बेड के हिसाब से पर्याप्त चादरों का इंतजाम कर लें.वार्ड में साफ सफाई रखें. अस्पतालों में साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम करें. अस्पताल की नालियों में ब्लीचिंग व चूने का छिड़काव करें. समय-समय पर वार्ड में सफाई करें. शौचालय की नियमित सफाई कराएं. अधिकारी वार्ड से लेकर शौचालय तक की व्यवस्थाओं की रोज समीक्षा करें. किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए.