लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रहने वालों लोगों को महंगाई का एक और झटका लगने वाला है. नगर निगम हाउस टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिसके लिए कमेटी का गठन भी किया जा चुका है. इस टैक्स के बढ़ने के बाद नगर निगम से महापौर और पार्षदों का दखल भी खत्म हो जाएगा. इसके साथ ही अब हर 2 साल में हाउस टैक्स बढ़ाया जाएगा. 


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नगर निगमों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने बढ़ेगा टैक्स
प्रदेश के नगर निगम आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं, जिन्हें मजबूत बनाने के लिए टैक्स बढ़ाने का प्लान लाया गया है. पुराने आकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 12 वर्षों में नगर निगम का हाउस टैक्स नहीं बढ़ा है.  वर्ष 2018-19 में टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया था, जो महापौर व पार्षदों के विरोध की वजह से लागू नहीं हो पाया. लगातार कमजोर होती आर्थिक स्थिति को देखते हुए अब नगर निगम ने ये फैसला लिया है. 


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हर 2 साल में बढ़ेगा टैक्स
नए नियमों में हर 2 साल में टैक्स बढ़ाने का प्लान शामिल है. इसे मंजूरी मिलने के साथ ही नए होम टैक्स की दरें लागू हो जाएंगी. जिसमें अब लोगों को होम टैक्स के लिए पहले की तुलना में लगभग दोगुना राशि चुकानी पड़ेगी. 


300 करोड़ का कर्ज
बीते कुछ वर्षों में नगर निगम काफी घाटे में रहा है. अकेले लखनऊ की बात करें, तो लखनऊ नगर निगम 300 करोड़ के घाटे में है. कमाई का जरिया नहीं बढ़ पाने की वजह से यहां विकास कार्यों की शुरुआत भी नहीं हो पा रही है. यही वजह है कि अब नगर निगम अपनी आमदनी बढ़ाने पर विचार कर रहा है. 


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