Madarsa Weekly Off: वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़ : मदरसों में अभी शुक्रवार को अवकाश रहता है. जल्‍द ही यहां भी रविवार को अवकाश की व्‍यवस्‍था की जाएगी. मंगलवार को हुई मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में एक समान ड्रेस कोड और शुक्रवार के बजाय रविवार को साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू किए जाने का प्रस्ताव लाया गया है. मदरसा शिक्षा परिषद में रखे गए प्रस्ताव पर मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य कमर अली ने कहा की हम मदरसों में एक समानता की बात करते हैं, हम चाहते हैं कि मदरसों में भी स्कूलों की तर्ज पर पढ़ाई और छुट्टी हो.


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शासन को भेजा गया प्रस्‍ताव 
कमर अली ने कहा कि मदरसों में भी शुक्रवार के बजाय रविवार को छुट्टी हो. हालांकि शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए 1 घंटे का समय दिया जाए. मदरसा शिक्षा परिषद ने इस प्रस्‍ताव को शासन के पास भेज दिया है. यूपी कैबिनेट से प्रस्‍ताव पास होने के बाद सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी इस पर मुहर लगाएंगे. इसके बाद मदरसों में भी शुक्रवार की जगह रविवार को अवकाश हो जाएगा. 


प्रस्‍ताव पास होने पर होगा अनुपालन 
वहीं, आजमगढ़ जिले के मदरसा इस्लामिया जमीयतुल कुरेश के वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि छुट्टी को लेकर फैसला अभी नहीं लिया गया है, बल्कि प्रस्ताव लाया गया है. हालांकि, इस मामले में अभी निर्णय नहीं लिया गया है. वहीं, ड्रेस कोड को लेकर कहा कि हमारे यहां पहले से लागू है यह व्‍यवस्‍था. कुछ बच्चे नहीं पहनकर आते हैं उनको सख्ती से पालन कराने के लिए कहा गया है. 


मानक विहीन मदरसों पर कार्यवाही 
बता दें कि आजमगढ़ में जिला अल्पसंख्यक अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद मानक के अनुरूप पाए जाने पर लगभग 400 मदरसा को लॉक कर दिया गया. शिकायत मिलने पर आजमगढ़ में 300 से अधिक की एसआईटी द्वारा जांच में दो दिन पूर्व 219 मदरसे मानक विहीन पाए गए. इस मामले में खास बात यह है कि 39 अस्तित्व विहीन मदरसों को आधुनिकीकरण योजना के तहत सरकारी धन का भुगतान भी किया गया. 


इन पर होगी कार्रवाई 
वहीं, फर्जी अभिलेखों के माध्यम से 180 मदरसों के डाटा को पोर्टल पर भी अपलोड किया गया. इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. अब इस मामले में कार्रवाई को लेकर मदरसों के प्रबंधक और शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी ने FIR दर्ज की है. साथ ही संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. जहां तत्कालीन DMWO लालमन व प्रभात कुमार के साथ तत्कालीन रजिस्ट्रार जावेद असलम जांच में दोषी पाए गए हैं. इन पर मदरसों को मान्यता देने और वित्तीय लाभ पहुंचाने के आरोप हैं. 


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