अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा हो गया है. सर्वे की आखिरी तिथि 5 अक्टूबर थी, जो पूरी हो गई है. 15 अक्टूबर तक प्रदेश भर के डीएम अपने-अपने जिले के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेज देंगे. जिसके बाद शासन कार्यवाही को आगे बढ़ाएगा. सरकार का कहना है कि यह सर्वे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की तरक्की के लिए है. जिससे वह और आगे बढ़ सकें. योगी सरकार मदरसों के आधुनिकीकरण को लेकर संजीदा रही है. इसके लिए बजट का भी आवंटन किया था. 


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पिछले महीने सरकार ने किया था सर्वे का ऐलान 
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले महीने ऐलान किया था कि राज्य में सभी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया जाएगा. सरकार ने इसके पीछे तर्क दिया था कि बहुत सारे मदरसे फर्जी चल रहे हैं. बच्चों के भविष्य खिलवाड़ किया जा रहा है. लिहाजा सर्वे के बाद बच्चों के भविष्य को लेकर सरकार बड़ा कदम उठाएगी. हालांकि, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी समेत कई राजनैतिक दलों ने इसका जमकर विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर मदरसों और मुसलमानों को टारगेट कर रही है. जिसको लेकर काफी सियासत भी हुई. कुछ नेताओं ने मदरसों में आतंकी शिक्षा को लेकर सवाल भी खड़े किए थे. 


सर्वे रिपोर्ट के बाद होगा एक्शन
सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद जो मदरसे मानदंडों पर खरे नहीं उतरेंगे उन पर एक्शन लेने के लिए भी पूरा खाका तैयार किया गया है. शर्त पूरी करने वाले मदरसों को मान्यता दी जाएगी. सभी मदरसों का सरकारी रिकॉर्ड बनेगा. प्रशासनिक जांच में फर्जी पाए जाने वाले या शर्ते पूरी नहीं करने वाले मदरसे बंद होंगे. गड़बड़ी मिली तो कानून के तहत कार्रवाई होगी. 


अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री ने कही ये बात 
मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है. रिपोर्ट शासन के पास आने वाली है. जहां एक ओर विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. इसे तुष्टीकरण की राजनीति से जोड़कर देख रहा है. वहीं, सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी का कहना है कि हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री यह चाहते हैं कि मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान, इस्लाम की शिक्षा तो दूसरे हाथ में लैपटॉप-कंप्यूटर होना चाहिए. जिससे वह समय के साथ आगे बढ़ सकें. दानिश अंसारी ने बताया कि सर्वे की रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक शासन के पास आएगी. सभी जिला अधिकारी रिपोर्ट सबमिट करेंगे


मदरसों को लेकर क्यों यूपी में राजनीतिक दल आमने-सामने
उत्तर प्रदेश में जाति धर्म और क्षेत्र के आधार पर अभी भी सियासत होती है. बीजेपी अब सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की ओर आगे बढ़ रही है. बीजेपी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग भाजपा से जुड़ें, लेकिन कई क्षेत्रीय दल ऐसे हैं जो जाति और क्षेत्र के आधार पर राजनीति करते हैं. मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर भी हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं. अब मदरसों के सर्वे को लेकर एक बार फिर सियासत हो रही है क्योंकि राजनीतिक दलों को वोट बैंक खिसकने का खतरा है.