Municipal elections in UP : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की घोषणा एक-दो हफ्ते के भीतर किसी भी वक्त हो सकती है. इसके लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण (voter list revision) अभियान 20 सितंबर से शुरू होगा औऱ 4 अक्टूबर तक चलेगा. ऐसे में अगर आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं. कहीं नाम किसी और वार्ड में नहीं जुड़ गया है, या आपका पता बदल गया है तो वोटर लिस्ट रिवीजन आपके लिए आखिरी मौका है, जरूरी सुधार कराने का. यूपी नगर निकाय चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और वार्डवार श्रUP Nagar Nikay Chunav Arakshan) को लेकर प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

SOVA Virus : सोवा वायरस मोबाइल से बैंक खातों में लगा रहा सेंध, नेटबैंकिंग व बैंकिंग ऐप से उड़ाता है डेटा, जानें कैसे बचें


राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया है. आयोग का कहना है कि नगर निगमों और नगर पालिका क्षेत्रों में 20 सितंबर से 4 अक्तूबर तक वार्डवार मतदाताओं के स्थानांतरण, पुनरीक्षण और संशोधन संबंधी प्रक्रिया चलेगी. (Voter list Revison 2022) के तहत  सभी जिलों में नगर निकायों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने-हटाने संशोधित करने का अभियान चलाया जाएगा.


बहराइच: पेट्रोल कम डालने की बात पर फूंक दी बाइक, झुलसे युवक की हालत नाजुक


उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग (state election commission uttar pradesh) ने मतदाता सूची की पुनरीक्षा को लेकर सभी जिलों को दिशानिर्देश भेजे हैं. वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद 5 से 20 अक्टूबर तक मतदान केंद्रों पर BLO  वार्डवार मतदाताओं का सत्यापन करने का काम करेंगे. बीएलओ बूथ (Booth) या वार्डवार वोटरों के घर-घर जाकर मतदाताों के नाम जोड़ने, नाम में संशोधन और मतदाता सूची से नाम हटाने की कार्रवाई करेंगे.


चुनाव आयोग के अनुसार, जिला स्तर पर अपर जिला मजिस्ट्रेट को मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया जाएगा.एसडीएम को सहायक निर्वाचक अधिकारी और नगर निगम के उप नगर आयुक्त को अतिरिक्त सहायक निर्वाचक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. इन्हीं अधिकारियों के दिशानिर्देशन में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा.नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के लिए तहसीलदार को अतिरिक्त सहायक निर्वाचक अधिकारी नियुक्त किया गया है.


उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को कार्यालय सर्वेक्षक और बीएलओ की नियुक्ति तीनों में करने का निर्देश भी दिया है. हरेक मतदान केंद्र पर एक बीएलओ, 5 से 10 बीएलओ पर एक पर्यवेक्षक और 5 से 8 पर्यवेक्षक पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किया जाएगा.


बीएलओ स्तर से 20 सितंबर से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान प्रारंभ होगा. उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनाव में मतदाताओ की संख्या बढ़ना तय है. 2017 से 2022 के बीच कई  ग्राम पंचायतों को नगर पालिका के दायरे में लाया गया है.ऐसे में वोटरों की तादाद में इजाफा होना लाजिमी है.


VIDEO:पहले एलिवेटेड रोड पर जन्मदिन मनाया, अब जाना पडा जेल