UP News: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद स्कूल की मनमानी, फीस को लेकर फंसा पेंच
मुरादाबाद के पेरेंट्स एसोसिएशन की हाईकोर्ट में याचिका पर आए फैसले में सभी स्कूलों को 15 प्रतिशत फीस वापसी के आदेश दिए गए हैं. इसको लेकर काफी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. कुछ स्कूलों में शिकायतें भी मिल रही है.
मुरादाबाद: मुरादाबाद के पेरेंट्स एसोसिएशन की हाईकोर्ट में याचिका पर आए फैसले में सभी स्कूलों को 15 प्रतिशत फीस वापसी के आदेश दिए गए हैं. इसको लेकर काफी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. कुछ स्कूलों में शिकायतें भी मिल रही है. ऐसी कार्रवाई नोएडा के जिलाधिकारी द्वारा की गई है.
इसको लेकर मुरादाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस मामले में जल्द सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है. वहीं, जी मीडिया की टीम ने इस आरोप के बाद उन स्कूलों में भी जाकर बात की जिनका पेरेंट्स एसोसिएशन के द्वारा नाम लेकर आरोप लगाया तो उन्होंने अपनी सफाई पेश कर आरोपों को निराधार बताया. वहीं, स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष का भी कहना है की सभी स्कूल कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे है.
मुरादाबाद पेरेंट्स ऑफ ऑल स्कूल्स के अध्यक्ष और पीआईएल फाइल कराने वाले याचिकाकर्ता अनुज गुप्ता ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी इस मामले में उच्च न्यायालय का धन्यवाद दिया था. न्यायालय के आदेश के बाद सभी राहत महसूस कर रहे थे.
निराशा तब हाथ लगी जब इस आदेश को स्कूलों में लागू कराने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ रही है. हाल ये है कि कल नोएडा के डीएम साहब ने कार्रवाई की है. अन्य जिलों की स्थिति भी बहुत खराब है. बहुत कम स्कूलों में ये आदेश लगू हो पाया है. मुरादाबाद में भी बड़ी संख्या में स्कूल ऐसे रह गए है जिनपर ये लागू नहीं हो पाया है. हम लगातार प्रयास और संपर्क कर रहे है स्कूलों से लेकिन अभी बहुत ज्यादा कामयाबी नही मिल पा रही क्योंकि ये आदेश स्कूल में लागू नहीं हो पा रहे है. इसमें बहुत बड़ी कमी शिक्षा विभाग की है ठीक से मॉनिटरिंग नहीं कर रहा. शिक्षा विभाग को आगे आना चाहिए, जो हर जिले के अधिकारी है और तत्काल प्रभाव से सभी स्कूलों का फीस रिकॉर्ड मंगवा लेना चाहिए.
मामले में मुरादाबाद जिलाधिकारी ने दी जानकारी
इस मामले में मुरादाबाद जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी स्कूल में बात की गई है पेरेंट्स एसोसिएशन और स्कूल एसोसिएशन से भी बात की गई है. सभी जगह 15 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जा रहा है, क्योंकि कोर्ट का आदेश है. इसको सभी स्कूलों को मानना पड़ेगा. यदि कोई इस आदेश को नहीं मानता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.