Varanasi : मेडिकल इमरजेंसी में जीवन रक्षक बनेगी यूपी पुलिस, पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में 800 जवानों ने ली Each One Save One ट्रेनिंग
Each One Save One UP Police Campaign: उत्तरप्रदेश में किसी भी जगह कोई हादसा और मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ने पर यदि मौके पर डॉक्टर नहीं है तो पुलिस के जवान बेसिक मेडिकल हेल्प देते नजर आएंगे. यानी अब खाकी सिर्फ कानून व्यवस्था ही नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी भी बचाने में मदद करेगी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुलिसकर्मियों को डॉक्टरों द्वारा ट्रेनिंग दी जा रही है.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश पुलिस अब कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही आपकी जिंदगी भी बचाएगी. इसके लिए पुलिसकर्मियों को देश के जाने माने आर्थोपेडिक डॉक्टरों की ओर से बकायदा ट्रेनिंग दी जा रही है. यूपी पुलिस को फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में तैयार करने की इस ट्रेनिंग को 'ईच वन सेव वन 2022' का नाम दिया गया है. पूरे प्रदेश में इसके लिए एक सप्ताह का वर्कशॉप आयोजित किया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के पुलिस कमिश्नरेट यातायात सभागार में पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
मेडिकल इमर्जेंसी के लिए तैयार खाकी
इस ट्रेनिंग वर्कशॉप में रोड एक्सिडेंट, आपदा प्रबंधन, हार्ट अटैक एवं अन्य मेडिकल इमर्जेंसी की हालत में फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में तैयार किया जा रहा है. दिन-रात चौराहों पर मुस्तैद रहने वाली पुलिस किसी भी घटना के दौरन सबसे पहले मौके पर पहुंचती है. यदि पुलिस कर्मियों को प्राथमिक उपचार और सीपीआर देने आता है, तो कई लोगों का बहुमूल्य जीवन बचाया जा सकता है.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर खुद कर रहे निगरानी
इस वर्कशॉप को यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG UP Prashant Kumar) और यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार की पहल पर संचालित किया जा रहा है. इसी के तहत वाराणसी में पुलिसकर्मियों को 'ईच वन सेव वन 2022’ की थीम पर बेसिक लाइफ सपोर्ट का डेमो देकर प्रशिक्षित किया गया.
आगे भी जारी रहेगा प्रशिक्षण
डॉ आशीष कुमार ने बताया कि प्रदेश भर में कुल 15,000 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है. ये प्रशिक्षण कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा. किसी भी आकस्मिक घटना के बाद 10 मिनट का समय काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में घायल को तुरंत फर्स्ट एड मिल जाए तो बचने की संभावना बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि वाराणसी में अबतक 800 पुलिसकर्मियों को डॉ कर्म राज सिंह और उनकी टीम द्वारा सीपीआर के लिए प्रशिक्षण दिया गया है.