Mulayam Singh Yadav: यूपी की राजनीति के भीष्म पितामह मुलायम सिंह यादव के अलावा ये 2 खिलाड़ी लड़ चुके हैं चुनाव
Mulayam Singh Yadav Death:इटावा के नगला अमर में हुई कुश्ती ने मुलायम सिंह यादव के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला दिया. नगला अमर की कुश्ती में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधायक जसवंतनगर नत्थू सिंह यादव ने मुलायम सिंह को पहली बार देखा और इसी दौरान मुलायम सिंह ने अपने से दोगुने पहलवान को पटखनी दे दी. यहीं से नत्थू सिंह यादव ने मुलायम सिंह को अपने साथ कार में बैठा लिया और अपनी जनसभा में ले गए जहां मुलायम ने अच्छा भाषण भी दिया.
Mulayam Singh Yadav Death News: यूपी की राजनीति के भीष्म पितामहा कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का 82वर्ष की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया. मुलायम सिंह यादव गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में कई दिनों से भर्ती थे. पिछले कुछ दिनों से उनकी हालत में बिल्कुल भी सुधार नहीं हो रहा था. आज हम आपको बताते हैं, उनसे जुड़ा वो किस्सा जिसकी वजह से वह सियासत में चमक बिखेरने में कामयाब हुए.
कुश्ती से मिली पहचान
मुलायम के करीबी पूर्व मंत्री सुभाष चंद्र के अनुसार बात 1965 की है. जब जनपद इटावा के नगला अमर में हुई कुश्ती ने मुलायम सिंह यादव के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला दिया. नगला अमर की कुश्ती में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधायक जसवंतनगर नत्थू सिंह यादव ने मुलायम सिंह को पहली बार देखा और इसी दौरान मुलायम सिंह ने अपने से दोगुने पहलवान को पटखनी दे दी. यहीं से नत्थू सिंह यादव ने मुलायम सिंह को अपने साथ कार में बैठा लिया और अपनी जनसभा में ले गए जहां मुलायम ने अच्छा भाषण भी दिया.
पहले ही विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की
इसके बाद मुलायम के गुरु नत्थू सिंह अन्य जनसभाओं में मुलायम को साथ ले जाने लगे.मुलायम ने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा. 1967 में नत्थू सिंह यादव ने अपनी जसवंतनगर की सीट से मुलायम सिंह यादव को विधानसभा का चुनाव लड़ा दिया और मुलायम सिंह यादव ने पहले विधानसभा चुनाव में ही बड़ी जीत दर्ज कराई.
मो. कैफ लड़ चुके हैं लोकसभा का चुनाव
मुलायम सिंह यादव के अलावा क्रिकेट ग्राउंड पर कामयाबी के बूते इलाहाबाद का नाम विश्व पटल पर रौशन करने वाले मो. कैफ ने अपना राजनीतिक सफर भी यूपी से शुरू किया था.2014 में फूलपुर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी कांग्रेस ने अंतिम समय में घोषित किया था. यह नाम बेहद चौंकाने वाला था. यह नाम था क्रिकेटर मो. कैफ का. कांग्रेसी रंग में रंगने के बाद कैफ इलाहाबाद पहुंचे तो इलाहाबादियों ने उनका खूब स्वागत किया था. हालांकि मोदी की आंधी में उन्हें जीत हासिल नहीं हुई और चौथे स्थान से संतोष करना पड़ गया. वह भाजपा के केशव प्रसाद मौर्या से हार गए थे.
अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं चेतन चौहान
भारतीय क्रिकेट टीम में अपना बेहतरीन प्रदर्शन से फैंस के दिलों पर राज करने वाले चेतन चौहान भी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद राजनीति में कदम रखा. 21 जुलाई 1947 को यूपी के बरेली में जन्मे टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने 1969 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना डेब्यू मैच खेला था और मैदान में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे.साल 1981 में चेतन चौहान का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर खत्म हो गया, लेकिन 1985 में उन्होंने कम्पेटेटिव मैच खेला. इसके बाद उन्होंने राजनीति की तरफ रुख करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ज्वाइन किया. वह यूपी के अमरोहा से दो बार के सांसद रहे. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे.