लखनऊ: सुहेलदेव समाजवादी पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उनको एक बाद एक कई बड़े झटके लगे हैं. शुक्रवार को भी पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने राजभर पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुभासपा से किनारा कर लिया है. इससे पहले भी अन्तर्कलह के चलते कई बड़े नेता पार्टी पार्टी छोड़ चुके हैं. 


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सुभासपा छोड़ने वालों की आई बाढ़
शुक्रवार यानी आज मऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के करीब 100 की संख्या में कार्यकर्ताओं और बड़े पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी. सुभासपा के जिलाध्यक्ष ने ओपी राजभर पर 6 करोड़ में एमएलए का टिकट बेचने का आरोप लगाया. पार्टी को बाय-बाय कहने वाले सभी पदाधिकारियों ने टोपी उतार रखते हुए 'ओमप्रकाश राजभर मुर्दाबाद' के नारे लगाए. बता दें इससे पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर सहित दर्जन भर नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद 7 सितंबर को 45 कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया था. गौरतलब है कि बीते दिनों सुभासपा प्रवक्ता शशि प्रताप सिंह पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं.


सुभासपा छोड़ने वाले महेंद्र राजभर का पार्टी में बड़ा कद माना जाता था. उनकी गिनती पार्टी के टॉप 5 नेताओं में होती थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी-सुभासपा गठबंधन से वह मऊ सदर से मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़े थे. जिसमें उन्होंने मुख्तार को कड़ी टक्कर दी थी. वह महज 6 हजार वोटों से चुनाव हारे थे. चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने उनको कटप्पा कहकर संबोधित किया था. 


ओपी राजभर पर क्या हैं आरोप
सुभासपा छोड़ने वाले नेताओं का ओपी राजभर पर आरोप है कि वह कार्यकर्ताओं की अनदेखी करते हैं. साथ ही परिवारवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. पार्टी के कई कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों ने राजभर पर टिकट बेचने का आरोप लगाया है. बता दें, कि राजभर समाज वोट बैंक पर सुभासपा की पड़ मानी जाती है. 2017 के चुनाव में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ी सुभासपा के खाते में आठ से चार सीटें गई थीं. वहीं 2022 में सपा के साथ गठबंधन कर 18 सीटों में 6 पर जीत दर्ज की है.