UP School RTO Rules 2023 लखनऊ/मयूर शुक्ला: स्कूल वैन बच्चों की जान जोखिम में डालकर सुबह शाम बेतहाशा रफ्तार में दौड़ती नजर आती हैं. राजधानी लखनऊ, कानपुर से लेकर नोएडा गाजियाबाद तक सड़कों पर ये आम नजारा है, इस दौरान सड़क हादसे भी होते हैं. कई बार बच्चों की जान भी चली जाती है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें लापरवाही बरतने वाले स्कूलों की वैन, बस को सीज करने तक के नियम हैं. 


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इसमें कहा गया है कि स्कूली वाहन 40किमी/घंटा से ज्यादा स्पीड पर नहीं दौड़ेंगे. स्कूली वाहनों ने अगर स्पीड लिमिट क्रॉस की तो उस स्कूल की मान्यता खत्म कर दी जाएगी. परिवहन विभाग सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों और डीआईओएस को इस बाबत पत्र भी लिखेगा. इसमें कहा गया है कि छात्र-छात्राएं एक घंटे से ज्यादा स्कूली वैन में सफर नहीं करेंगे. यानी दूरदराज के खूब सारे बच्चे बैठाकर लंबी बस यात्रा की अनुमति नहीं होगी.


RTO लगाएगा लगाम
लखनऊ ARTO अखिलेश द्विवेदी ने कहा, बेलगाम स्कूली वैन और बस पर नकेल कसने की तैयारी है. 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज चलती हुई स्कूली वैन पकड़ी गई तो स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. बस और वैन में बच्चों को 1 घंटे से ज्यादा बिठा भी नहीं सकेंगे. अखिलेश द्विवेदी का कहना है कि कि आरटीओ ऐसे स्कूलों और गाड़ियों के खिलाफ अभियान चलाएगा और पकड़े जाने पर 4000 रुपये तक का चालान होगा.


Transport Department नए नियमों का पालन कराएगा


स्कूलों की मान्यता रद्द करने के लिए संबंधित अधिकारी को पत्र भी भेजा जाएगा. परिवहन विभाग सभी बीएसए को चिट्ठी लिखेगा. इसके बाद स्कूल की मान्यता रद्द की जाएगी. बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा. अगर कोई स्कूली वाहन बच्चों को गाड़ी में बिठाकर सीएनजी भरवाती पकड़ी गई तो गाड़ी को सीज कर दिया जाएगा.


स्कूलों को बस को ऐसे शेड्यूल करना होगा कि बच्चे एक घंटे के अंदर अपने घर तक पहुंच जाएं. स्कूलों में बच्चों को ले जाने वाली प्राइवेट वैन को लेकर भी सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देश लागू करने होंगे. स्कूल प्रबंधन उनकी जिम्मेदारियों से पल्ला नहीं झाड़ पाएगा. आरटीओ लापरवाह स्कूली वाहनचालकों के अभियान चलाएंगे. 


ट्रैफिक रूल्स धड़ल्ले से तोड़ रहे
अक्सर ऐसा देखा गया है कि टाइम पर बच्चों को स्कूल पहुंचाने के चक्कर में बस ड्राइवर या स्कूल वैन चालक रेडलाइट जंप करने से भी नहीं चूकते. बच्चों को बस या वैन में जल्दी जल्दी चढ़ाने और उतारने में भी कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं. ज्यादातर स्कूलों ने प्राइवेट बस संचालकों को उनके स्कूल के बच्चों को ले जाने का कांट्रैक्ट दे रखा है. ऐसे में वो अपनी जवाबदेही से बचने की कोशिश करते हैं. स्कूल से बच्चों को पिक या ड्रॉप करने के बीच और बस में सुरक्षा संबंधी मानकों की वो अनदेखी करते हैं. लेकिन आगे ऐसा होगा तो ऐसे स्कूलों पर भी गाज गिरेगी. 


School BUS Accident: सामने आया था दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर
मालूम हो कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पिछले महीने बड़ा सड़क हादसा सामने आया था, जब उल्टी दिशा से आ रही एक स्कूल बस ने खाटू श्याम मंदिर जा रहे एक परिवार की कार को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टक्कर मार दी थी. इसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.बाद में पता चला था कि उस बस का पहले भी कई बार चालान हो चुका था, फिर भी स्कूल प्रबंधन ने न तो ड्राइवर को हटाया और ना ही कोई और कार्रवाई की. 


 


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