UPI Fraud Alert: डिजिटल पेमेंट ने बीते  तीन-चार साल में तेजी से रफ्तार पकड़ी है. 2016 में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के आने के बाद जहां कैशलेस लेनदेन का फायदा मिल रहा है. साथ ही, इसमें समय और कागज की भी बचत हो रही है. लेकिन एक तरफ जहां इसके ढेरों फायदे हैं. वहीं साइबर फ्रॉड के मामलों में भी तेजी से बढोतरी हुई है. स्कैमर्स नए-नए तरीके खोजकर फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं. 


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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महाराष्ट्र के पुणे में बुधवार 21 सितंबर को 'मोदी शासन के 20 साल' कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को प्रोत्साहित किया गया तो विपक्ष ने इसकी आलोचना हुई. लेकिन बीते दो साल में कोविड महामारी के बाद भी भारत यूपीआई पेमेंट में दुनिया में सबसे आगे है.


नेशनल पेमेंट कॉपरेशन ऑफ इंडिया (NPI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई लेनदेन अगस्त में बढ़कर ₹10.7 ट्रिलियन हो गया है. लेकिन यूपी पेमेंट में बढ़ोतरी के साथ ही इससे जुड़े मामलो में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. इसी को देखते हुए देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ग्राहकों को यूपीआई फ्रॉड से सावधान रहने की सलाह दी है. साथ ही इससे बचाव के लिए टिप्स भी शेयर किए हैं. जिनके जरिए फ्रॉड से बचने में मदद मिल सकती है. आइए जानते हैं उनके बारे में...


UPI ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए SBI ने 6 टिप्स शेयर किए हैं.


1) पैसे प्राप्त करते समय आपको अपना UPI पिन डालने की आवश्यकता नहीं है.


2) हमेशा उस व्यक्ति की पहचान वेरिफाई करें जिसे आप पैसे भेज रहे हैं. 


3) यादृच्छिक\अज्ञात संग्रह अनुरोध स्वीकार न करें. 


4) अपना यूपीआई पिन किसी के साथ शेयर न करें. 


5) क्यूआर कोट के माध्यम से भुगतान करते समय हमेशा लाभार्थी के विवरण को वेरिफाई करें.


6) अपना यूपीआई पिन नियमित रूप से बदलें.