यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं भी कानून-व्यवस्था की तरह बनेगी मिसाल, बिल्डिंग न्यू उत्तर प्रदेश कॉनक्लेव में बोले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी कानून-व्यवस्था की तरह मिसाल बनेंगी, ये दावा डिप्टी सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh pathak) ने मंगलवार को लखनऊ में आयोजित बिल्डिंग न्यू उत्तर प्रदेश कॉनक्लेव (Building New Uttar Pradesh Conclave) में किया है.
UP Health Services : उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी कानून-व्यवस्था की तरह मिसाल बनेंगी, ये दावा डिप्टी सीएम और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh pathak) ने मंगलवार को लखनऊ में आयोजित बिल्डिंग न्यू उत्तर प्रदेश कॉनक्लेव (Building New Uttar Pradesh Conclave) में किया. लखनऊ से यूपी के बेहतर कल की बात चर्चा की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2017 के बाद से यूपी में स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा सुधार आय़ा है. पाठक ने कहा, यूपी में 2017 के पहले 13 मेडिकल कॉलेज(Medical Colleges) हैं. अभी हमारे पास 35 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं और 30 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं. 14 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का कार्य चल रहा है. पीपीपी मोड पर इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को लेकर 150 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदेश सरकार दे रही है.
रोजाना लाखों मरीजों का निशुल्क इलाज
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे और मरीजों के इलाज पर डिप्टी सीएम ने कहा, हमारे मेडिकल कॉलेजों में रोजाना 1.50 लाख से लेकर 1 लाख 60 हजार के करीब मरीज रोज देखे जाते हैं. इनमें औसतन 12 हजार गंभीर दुर्घटनाओं के शिकार मरीज होते हैं. इनमें 8 हजार गंभीर बीमारी के मरीज होते हैं.ये दिखाता है कि चिकित्सा ढांचा बेहतर हुआ है.
नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
डॉक्टरों की कमी के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ नए चिकित्सक हमें उपलब्ध हो रहे हैं. करीब 4 हजार नर्सों की भर्ती की जा रही है. 2500 के करीब डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी भर्ती की जा रही है. उन्हें प्रांतीय सेवाओं में लिया जा रहा है.
मैंने 273 अस्पतालों का निरीक्षण किया
छापामार स्वास्थ्य मंत्री के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के आरोपों पर पाठक ने कहा कि एसी में बैठकर नहीं चलती है. हम निरीक्षण के जरिये स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने का काम करते हैं. लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई भी करते हैं. मैंने 273 अस्पतालों का खुद निरीक्षण किया है. डॉक्टरों से अनुरोध है कि वो हस्ताक्षर करके घर बैठने की बजाय
मरीजों की देखभाल के जरिये गंगा स्नान करें.
एंबुलेंस सेवा बेहतर की गईं
अस्पतालों में कहीं अल्ट्रासाउंड जैसी मशीनें न होने तो कहीं ऑपरेटर न होने पर पाठक ने कहा, व्यवस्थाओं को दुरुस्त बनाया जा रहा है. हमने एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम 30 से घटाकर 20 मिनट किया है. 812 नई एंबुलेंस खरीदी गई हैं.
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