नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी : यूपी में पहली बार इको फ्रेंडली क्लस्टर खेती की शुरुआत की गई है. बाराबंकी को इसके लिए मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके बाद अब यह क्लस्टर पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा. इसके लिए दो संस्‍थाएं किसानों की मदद में लगी हैं, जो उन्‍हें सिखा रही हैं कि कैसे छोटे-छोटे कास्तकारों की खेती को एक साथ मिलाकर क्लस्टर के रूप में खेती की जाए. इससे किसान कम लागत में बंपर मुनाफा कमा सकें. साथ ही यह इको फ्रेंडली तकनीक हमारे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाती. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

30 बीघे खेत में मेंथा की खेती 
दरअसल CSIR यानी काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) और CIMAP यानी सेंट्रल इंस्टीट्यूट मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स ने बाराबंकी के सरैया फूटी गांव में उत्तर प्रदेश का पहला 'सस्टेनेबल एरोमा क्लस्टर' लॉन्च किया है. यहां 12 किसानों की 30 बीघे भूमि पर मेंथा की खेती करवाकर उन्हें आधुनिक खेती की तकनीक सिखाई जा रही है. ऐसे में इस क्लस्टर पद्धति के सफल प्रयोग के बाद दूसरे किसान इस तरीके से खेती की शुरुआत कर सकेंगे. 


पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद 
CSIR और CIMAP किसानों को प्रशिक्षित कर रहा है कि कैसे वह अपने खेतों को मिलाकर क्लस्टर के रूप में तैयार करें. फिर उसमें नई तकनीक का इस्तेमाल कर फसल का ज्यादा उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमाएं. क्लस्टर के रूप में खेती करने पर किसानों को फसल में कम दवा और खाद डालनी पड़ेगी, जो पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है. इसके अलावा यह संस्‍थाएं किसानों को मिट्टी की उर्वरक क्षमता की पहचान का प्रशिक्षण भी दे रही हैं. साथ ही ड्रोन की मदद से खाद-पानी और दवा छिड़काव के तरीके भी बताए जा रहे हैं. 


नई तकनीक में कम मेहनत से होगी ज्‍यादा कमाई 
वहीं, गांव के किसानों का कहना है कि नई तकनीक में कम मेहनत और ज्यादा मुनाफे की गारंटी है. इस सफल प्रयोग के लिए हम लोग CSIR और CIMAP के शुक्रगुजार हैं. किसानों ने बताया कि उनके खेतों को क्लस्टर के रूप में तैयार करके उसमें सीआईएम-उन्नति किस्म की मेंथा लगाई गई है. इस नई किस्म में तेल का रेसियो तो ज्यादा है ही साथ ही इसमें कीड़े भी कम लगते हैं. साथ ही इसमें खाद और दवा भी कम लगती है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां खेती मॉडल के रूप में की जा रही है. इससे पूरे प्रदेश में हमारे गांव का नाम होगा. 


WATCH: खेलो इंडिया गेम्स समारोह में कैलाश खेर के साथ हुआ कुछ ऐसा, सरेआम मैनेजमेंट की लगा दी क्लास