लखनऊ : नेशनल हेल्थ मिशन उत्तर प्रदेश के दफ्तर में अब पदाधिकारी और कर्मचारी जीन्स और टी-शर्ट पहनकर नहीं आ सकेंगे. एनएचएम मिशन निदेशक पिंकी जोवल ने निर्देश जारी किए है. मिशन निदेशक की तरफ से जारी किए गए आदेश में लिखा गया है ''पदाधिकारी और कर्मचारी गण फॉर्मल ड्रेस पहनकर आए जिसमें पुरुष पदाधिकारी और कर्मचारी फॉर्मल शर्ट और ट्राउजर पहने. वहीं महिलाएं साड़ी,सलवार-कमीज और दुप्पटा पहनकर आएं क्योंकि कार्यालय में पदाधिकारी और कर्मचारी गण अनौपचारिक परिधान पहनकर कार्यालय में प्रवेश कर रहे हैं जो कि गरिमा के प्रतिकूल है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के कर्मियों के लिए वर्तमान में लागू मानव संसाधन नीति के चैप्टर 11 के प्वाइंट 4 के तहत कार्यालय ड्रेस कोड की जानकारी दी गई है. इसीलिए दिए गए ड्रेस कोड का सख्ती से पालन कर कार्यालय में पहन कर आया जाए.'' 


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बताया जा रहा है कि अक्सर सरकारी कार्यालयों में भी जींस-टी शर्ट यहां तक की लोअर टी-शर्ट में भी लोग आ जाते हैं. सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे पहनावे मर्यादित नहीं होते हैं. यही वजह है कि इस तरह के ड्रेस कोड लागू किए जा रहे हैं. कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ मंदिरों को भी लोगों के पहनावे को लेकर गुहार लगाई थी. आगरा, मथुरा के बाद गाजियाबाद के हनुमान मंदिर में भी भक्तों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया था. इसके बाद अब हापुड़ में भी श्री खाटू श्याम जी के मंदिर में भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन ने ड्रेस कोड की बात कही है. दरअसल कानून हमें किसी भी तरह के कपड़े पहनने की आजादी देता है, लेकिन यह आजादी सार्वजनिक स्थल पर किसी की मर्यादा को भंग करने वाली न हो. सरकारी कार्यालय हो या मंदिर आजकल सार्वजनिक स्थलों में हाफ पैंट, टीशर्ट और लोअर पहनकर आने-जाने से भी लोग गुरेज नहीं करते.


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