कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हुई तदर्थ भर्तियां इन दिनों काफी चर्चाओं में है. इसको लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चहेतावाद और भतीजावाद का जमकर बोलबाला चला है. आरोप हैं कि करीबियों को रेवड़ियां बांट दी गई. गैरों पर सितम कर अपनों पर खूब करम किया गया है. सत्तापक्ष के मंत्री जहां विपक्ष को उनके कार्यकाल में हुई नियुक्तियों की याद दिला रहे हैं, तो वहीं इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का भी बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने भी पार्टी नेताओं को नसीहत दे डाली. उन्होंने कहा कि जो पहले हुआ क्या अब भी ऐसा होगा.


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तदर्थ भर्तियों पर विपक्ष ने उठाए सवाल 
आपको बता दें कि न सत्र चल रहा है और न ही कोई बड़ा आयोजन हो रहा, लेकिन फिर भी उत्तराखंड विधानसभा का माहौल गरम है. इसलिए भाजपा शासन काल में हुई तदर्थ भर्तियों पर विपक्ष ने सवाल उठा दिए. विपक्ष भी लगातार आरोप लगा रहा है कि भर्तियों में जमकर भाई भतीजावाद हुआ है. बता दें कि भाजपा नेताओं के पीआरओ भी विधानसभा में लगा दिए गए हैं. हालांकि, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल कह चुके हैं कि भर्तियां नियमानुसार हुई हैं. वहीं, नियुक्तियां भी अस्थायी हैं, कांग्रेस के कार्यकाल में भी हुई हैं. 


पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से मामला गरमाया  
इस मामले में बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान ने, मामले को और गरमा दिया है. वहीं, पूर्व सीएम ने कहा पारदर्शिता जनता को भी दिखनी चाहिए. भर्ती के लिए बने सिस्टम का पालन करना चाहिए, तभी जनता का विश्वास बनेगा. त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना था, तो प्रधानमंत्री से मिलने गया था. उन्होंने मुझे एक ही बात कही थी कि मैंने, घर परिवार इसलिए नहीं छोड़ा कि मुझे अपने पराए को देखना है. मैंने घर परिवार इसलिए छोड़ा है कि अपने देश को आगे बढ़ाना है. त्रिवेंद्र रावत ने कहा, यही उम्मीद मैं आपसे भी करता हूं.


मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर बोले
वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि ऐसा कहना बिलकुल गलत है. अगर पूर्व में ऐसा हुआ है तो हम भी ऐसा करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में अगर बोफोर्स घोटाला हुआ है, तो क्या हमारे नेता भी ऐसा कर सकते हैं. ऐसा कहना दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे समाज और युवाओं के बीच में गलत सीख जाएगी. जो पैसे देकर भर्ती होंगे वो रिश्वत लेंगे, भ्रष्टाचार का दीमक राज्य को खोखला कर देगा.


सरकारी खजाने के पैसे का सदुपयोग होना चाहिए
दरअसल, विधानसभा में भर्तियों से संबंधित फाइल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास जब आई थीं, तो उन्होंने ही कहा था की जो भी भर्तियां करनी है. उन्हें पूर्ण पारदर्शिता के साथ आयोग से करना है. उन्होंने कहा कि चाहे राष्ट्रपति भवन हो, राजभवन हो या फिर विधानसभा की भर्ती, नियुक्तियों पर सब का समान अधिकार है. नियुक्तियां देते समय पारदर्शिता बरती जानी चाहिए. जहां भी सरकारी खजाने से पैसा लगता है, उसका सदुपयोग होना चाहिए.


इन भाजपा नेताओं के लिए नसीहत 
हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर सवाल उठे हैं. बल्कि कांग्रेस सरकार में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल के कार्यकाल के दौरान भी, बीजेपी ने भर्तियों में घपले के आरोप लगाए थे. भले विधानसभा में हुई तदर्थ नियुक्तियों को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल क्लीन चिट दे रहे हों, लेकिन जिस तरह से इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रतिक्रिया सामने आई है, वो कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और भाजपा नेताओं के लिए किसी नसीहत से कम नहीं है.


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