हेमकांत नौटियाल/उत्तरकाशी: जनपद के द्रौपदी डांडा-2 में एवलॉन्च हादसे के बाद क्रेवास में फंसे पर्वतारोहियों तक गुरुवार भी रेस्क्यू टीम नहीं पहुंच पाई. हादसे में अब तक 16 शव बरामद कर लिये गये हैं. बरामद शवों में दो ट्रेनर और 14 प्रशिक्षणार्थियों के शव हैं. जबकि 13 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं. द्रौपदी डांडा में गुरुवार को मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू कार्य फिलहाल रोक दिया गया है. वहां पर हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी. सुबह चले रेस्क्यू के दौरान हेलीकॉप्टर की मदद से खोज एवं बचाव टीम ने अब तक कुल नौ लोगों के शव एडवांस बेस कैंप तक पहुंचाए.


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एनडीआरएफ ने झोंकी ताकत
उत्तरकाशी में फंसे पर्वतारोहियों का सर्च ऑपरेशन करने के लिए हेलीकॉप्टर को द्रौपदी का डांडा पर्वत पर उतारा गया है. लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है. इससे एयर फोर्स नेम एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी शामिल है. एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा स्वयं राहत कार्यों का जायजा लेने पहुंच चुके हैं. 
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परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल


वहीं जिन लोगों ने इस घटना में अपनों को खोया है उन्होंने जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान हम लोगों को सटीक जानकारी नहीं मिल रही है. हालांकि पुलिस अधीक्षक और गंगोत्री विधायक ने परिजनों को समझाया और धैर्य रखने की अपील की है. साथ ही विधायक ने कहा कि इस दुख की घड़ी में हम हर मदद के लिए साथ हैं.