CM योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित बयान देने को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग के मामले में पूर्व राज्यपाल डॉ अजीज कुरैशी को सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राज्यपाल को वापस हाईकोर्ट में अपील करने का आदेश दिया है. अब उच्च न्यायालय की नई बेंच नए सिरे से अज़ीज़ क़ुरैशी की अर्जी पर सुनवाई करेगी. अजीज कुरैशी ने अपने एक बयान में योगी सरकार की तुलना क्रूर मुस्लिम आक्रांताओं महमूद गजनवी और अब्दाली से की थी. योगी आदित्यनाथ के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार आजम खां और उनके परिवार पर जुल्म ज्यादती कर रही है.
पूर्व गवर्नर डॉ अजीज कुरैशी पर योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित बयान मामले में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में राजद्रोह व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. कुरैशी के खिलाफ धारा 153ए, 153बी, 124ए और 505 (1)(बी) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है.
बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने लिखाई थी एफआईआर
कुरैशी के खिलाफ बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने मुकदमा दर्ज करवाया है. आरोप है कि उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था. आरोप है कि डॉ कुरैशी ने रामपुर में पूर्व मंत्री आजम खां से मुलाकात के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.
भाजपा नेता द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के मुताबिक अजीज कुरैशी द्वारा बड़ी संख्या में मौजूद भीड़ के सामने दिया गया वह बयान दो समुदायों एवं दो वर्गों की की शत्रुता, घृणा जैसी भावनाओं को भड़काता है. यह सरकार पर जानबूझकर बेबुनियाद आरोप लगाने और समाज में अशांति उत्पन्न करने जैसा है.
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