उत्तराखंड सचिवालय संघ ने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा, ये है झगड़े की वजह
उत्तराखंड नौकरशाही इन दिनों निशाने पर है, वह भी जनता या सरकार और विपक्ष के नहीं बल्कि सचिवालय संघ ने आरोप लगाए हैं. आइए जानते हैं क्या है दोनों के बीच तकरार की बड़ी वजह.
देहरादून : उत्तराखंड की नौकरशाही में टकराव देखने को मिल रहा है. यहां सचिवालय संघ ने आईएएस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सचिवालय संघ ने नियम और व्यवस्था को लेकर सवाल किए हैं. पद की मान्यता को लेकर भी आपत्ति की गई है. इस मुद्दे पर विपक्ष को भी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है. प्रभारी सचिव और विशेष सचिव की विधिक मान्यता से जुड़ा है. सचिवालय संघ ने प्रदेशव्यापी विरोध के साथ कोर्ट जाने की चेतावनी दी है.
ये है विवाद की वजह
सचिवालय संघ का कहना है कि गृह विभाग में अपर सचिव की जगह पर विशेष सचिव पदनाम करते हुए इस पद पर बैठे अधिकारी के हस्ताक्षर अधिप्रमाणित करने का प्रस्ताव गोपन विभाग को भेजा गया है.सचिवालय संघ ने इस पर आपत्ति जताई है. इससे पहले भी सचिवालय संघ ने अधिकारियों के बर्ताव को लेकर नाराजगी जताई थी. आरोप है कि सचिवालय सेवा पर कुठाराघात किया जा रहा है. भारत सरकार के निर्देशों की अनदेखी करते हुए विशेष सचिव और प्रभारी सचिव की व्यवस्था की जा रही है. विपक्ष का कहना है कि राज्य में अधिकारी निरंकुश हो गए हैं. सचिवालय बनाम आईएएस की लड़ाई से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है.
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काफी समय से चल रहा है विवाद
इससे पहले शासन ने आठ आईएएस अफसरों को समय से पहले सुपरटाइम पदोन्नत वेतनमान दे दिया था. सचिवालय संघ ने इस पर सवाल खड़े करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिकायत की थी. संघ ने चेताया है कि अगर आईपीएस अफसरों को अपर सचिव के पदों पर तैनात किया गया तो उनके अधिकारी-कर्मचारी उनके साथ काम नहीं करेंगे. उन्होंने मातहत अधिकारियों से बदतमीजी करने वालों की बैठक में शामिल न होने का भी एलान किया था.
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