हेमकांत नौटियाल/ उत्तरकाशी: हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन नदियों में हो रहे अवैध खनन को लेकर चौकन्ना हो गया है. दरअसल नैनीताल हाईकौर्ट ने नदियों में मशीनों द्वारा हो रहे अवैध खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. साथ ही उत्तराखंड के सभी 13 जिलाधिकारियों को आदेश दिए है कि नदियों में हो रहे अवैध खनन को तत्काल रूप से बंद किया जाए. 


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आदेश को लेकर जिला प्रशासन सख्त
नदी मे हो रहे खनन को आड़े हाथ लेकर सभी खनन माफियाओं को जिलाधिकारी द्वारा सख्त हिदायत देते हुए चेतावनी दी है कि नदी में मशीनों को उतारकर खनन नहीं किया जाएगा. एसडीएम मीनाक्षी पटवाल का कहना है कि माननीय हाईकोर्ट के आदेशों का शत प्रतिशत पालन करवाया जाएगा.  इसके लिए सभी स्टोन क्रेशर मालिकों को लिखित रूप में आदेशित किया जा रहा है. यदि कोई भी मशीनों के द्वारा नदी तटों पर खनन करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


कोर्ट ने सचिव खनन से पूछा सवाल
अवैध खनन को लेकर काफी सख्त आदेश आया है. कोर्ट ने सचिव खनन से पूछा है कि वन विकास निगम की वेबसाइट पर प्रति कुंतल रॉयल्टी 31 रुपये और प्राइवेट खनन वालों की वेबसाइट पर 12 रुपये प्रति कुंतल कैसे है? कोर्ट ने वन विकास निगम को 12 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी. 


स्टोन क्रेशर से किया जा रहा खनन 
जानकारी के अनुसार नदियों में स्टोन क्रेशर का इस्तेमाल करके अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है. हाईकोर्ट ने खनन माफियाओं पर नकेल कसते हुए पूर्ण रूप से नदियों के अंदर होने वाले खनन को प्रतिबंध कर दिया है. 


आदेश के बाद माफियाओं में मचा हड़कंप 
न्यायालय के आदेश के बाद से नदियों मे हो रहे अवैध खनन की जड़ उखड़ती नज़र आ रहे है. जिला प्रशासन ने सभी स्टोन क्रेशर मालिकों को सख्त हिदायत देते हुए चेतावनी दी है कि नदी में मशीनों को उतारकर खनन नहीं किया जाएगा. आदेश के बाद से माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.