Vaishakh Purnima 2023: शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. पचांग के मुताबिक हर साल वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती या बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. इस साल 5 मई 2023 को वैशाख पूर्णिमा है. वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु के 9वें अवतार माने जाने वाले महात्मा बुद्ध प्रकट हुए थे, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस बार बैशाख पूर्णिमा खास है क्योंकि इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रह है. इस दिन दान-पुण्‍य और धार्मिक कार्य करने का विशेष महत्‍व बताया गया है.


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बन रहा दुर्लभ संयोग
इस साल वैशाख पूर्णिमा पर 130 साल बाद दुलर्भ संयोग बन रहा है. क्योंकि इस दिन बुद्ध पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है.  इसलिए इस दिन का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है.  इस दिन बुद्ध भगवान का जन्म भी हुआ था इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. चलिए आज जानते हैं वैशाख पूर्णिमा की पूजा विधि और व्रत के महत्व के बारे में..


वैशाख पूर्णिमा की तिथि (Vaishakh Purnima Tithi)
वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत-4 मई को रात 11 बजकर 44 मिनट से.
 वैशाख पूर्णिमा का समापन 5 मई- रात में 11 बजकर 30 मिनट पर होगा.
 उदया तिथि अनुसार वैशाख पूर्णिमा- 5 को मनाई जाएगी.


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वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान- पूजा के शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
वैशाख पूर्णिमा पर स्‍नान का मुहूर्त सुबह- 4 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 55 मिनट तक 
वैशाख पूर्णिमा को चंद्रोदय- शाम 05 बजकर 58 मिनट पर होगा.


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वैशाख पूर्णिमा की कथा (Vaishakh Purnima Katha)


किवदंतियों और एक पौराणिक कथा के अनुसार जब सुदामाजी कान्हा से मिलने द्वारिका पहुंचे थे तब भगवान श्री कृष्ण से अपने मित्र सुदामा को वैशाख पूर्णिमा का महत्व बताया था.  ऐसा भी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सुदामाजी की दरिद्रता दूर हो गई थी. इसके बाद से वैशाख पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ गया.


वैशाख पूर्णिमा का महत्व (Vaishakh Purnima Mahatava)
हिंदू धर्म ग्रंथों-शास्त्रों के अनुसार गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं.  वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध के अलावा श्री हरि विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु को वैशाख माह अति प्रिय है.


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