जयपाल/वाराणसी: वाराणसी के लंका थाने से 14 फरवरी 2020 की सुबह बीएचयू के छात्र के लापता होने व तालाब में डूबने के मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी भरतभूषण तिवारी समेत कुल 7 पुलिसकर्मियों व एक होमगार्ड पर केस दर्ज किया गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीसीआईडी ने शुरू की थी. जिसमें पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आने के बाद यह कार्रवाई की गई. सीबीसीआईडी के इंस्पेक्टर की तहरीर पर एफआईआर दर्ज की गई है. 


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ये है पूरा मामला 
पन्ना (मध्यप्रदेश) के बड़गड़ी गांव निवासी शिवकुमार त्रिवेदी बीएचयू के विज्ञान संस्थान में बीएससी का छात्र था. वह छित्तूपुर के एक लॉज में रहता था. 13 फरवरी 2020 की रात बीएचयू परिसर के एक मैदान के पास बेसुध मिला. उसकी हालत देख अर्जुन सिंह नामक युवक ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी. जिसके बाद पीआरवी उसे लंका थाने ले गई. जहां से 14 फरवरी की सुबह शिवकुमार लापता हो गया. तब से उसका पता नहीं चल रहा था. पिता और भाई उसकी तलाश में बनारस की खाक छानते रहे. 


हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई जांच के बाद दर्ज हुआ मुक़दमा 
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट के आदेश पर जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई. सीबीसीआईडी के निरीक्षक श्यामदास वर्मा ने तहरीर में बताया है कि जांच में पाया गया कि शिवकुमार 14 फरवरी की सुबह थाने से निकल गया. 15 फरवरी 2020 को रामनगर के कुतुलपुर स्थित यमुना पोखरी में डूबने से उसकी मौत हो गई. जांच के बाद पोखरी से शव का अवशेष निकाला गया. डीएनए टेस्ट में शिवकुमार त्रिवेदी की लाश होने की पुष्टि हुई.  


इन पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी डूबने से मौत का कारण पता चला. 14 फरवरी 2020 को जब शिवकुमार थाने से लापता हुआ, तब न उसे ढूंढ़ने की कोशिश की गई, ना ही उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई. इस आधार पर दर्ज केस में तत्कालीन लंका थाना प्रभारी निरीक्षक भरतभूषण तिवारी के अलावा दरोगा प्रद्युम्न मणि त्रिपाठी, कुंवर सिंह, हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत मिश्रा, सिपाही ओम कुमार सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, विजय कुमार यादव और होमगार्ड संतोष कुमार को आरोपी बनाया गया है.