Gyanvapi News Varanasi वाराणसी :  ज्ञानवापी स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा किए जाने की मंजूरी मिल गई है. तहखाने में पूजा संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को सुनवाई हुई थी. बुधवार को जिला जज का इस मामले में आदेश आया जिसमें व्यास जी के तहखाने में पूजा की मांग स्वीकार कर ली गई है. व्यास परिवार अब तहखाने में करेगा पूजा पाठ. हिंदू पक्ष ने व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की मांगी थी. इजाजत सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में करता था पूजा पाठ. 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर तहखाने में बंद हो गई थी पूजा. 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया था एएसआई सर्वे. कार्रवाई के दौरान तहखाने की हुई थी साफ-सफाई.

 

शुभ मुहूर्त में पूजा की तैयारी
आदेश से उत्साहित हिन्दू समुदाय पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ से मिलने की तैयार कर रहा है, ताकि पूजा पाठ शुरू करने का सही समय निकाला जा सके.द्रविड़ ने राम मंदिर का मुहूर्त निकाला था. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने ज्ञानवापी फैसले का स्वागत किया है.सुभासपा के प्रवक्ता अरविंद राजभर ने ट्वीट कर लिखा हर हर महादेव

ASI Report पहले ही सार्वजनिक


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अभी पिछले हफ्ते ही ज्ञानवापी केस में एएसआई सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है. इसमें एएसआई ने 32 से ज्यादा स्थानों पर मंदिर होने से जुड़े सबूत बताए हैं. इसमें एक टूटा पत्थर भी है, जो 17वीं सदी का है, जिसमें औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त करके मस्जिद निर्माण का आदेश दिया है. इसमें कमल, त्रिशूल जैसे निशान भी मिले हैं. एक कुआं भी पाया गया है.एएसआई सर्वे की कमान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के एडीजी आलोक त्रिपाठी कर रहे थे. 


30 साल पहले पूजा पाठ पर रोक
इस केस में वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 1993 में गलत तरीके से पूजा पाठ पर रोक लगाई गई थी. इसे गलत तरीके से रोका गया था, बिना किसी लिखित आदेश के बैरीकेडिंग के साथ पूजा अर्चना के अधिकार को खत्म किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने आदेश में संशोधन का अधिकार है. अगर मुस्लिम पक्ष इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में जाता है तो उसके लिए कैविएट दाखिल की गई है. यानी हिन्दू पक्ष के सुनवाई के बिना अदालत कोई आदेश पारित न करे. मुस्लिम पक्ष ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट जाने का संकेत दिया है. 


हाईकोर्ट जाएगा मुस्लिम पक्ष
व्यास जी के तहखाना मामले में आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष ने कहा कि आदेश मिलने के बाद वो हाईकोर्ट का रुख करेंगे. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता इकलाख़ अहमद ने कहा कानून को नजरअंदाज किया गया है. हम इन दोनों फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता ने दावा किया कि 1993 के पहले पूजा पाठ का दावा बिल्कुल निराधार, वहां पर कोई मूर्तियां नहीं हैं.


मंदिर मस्जिद मुद्दे को बाहर सुलझा लें
हिन्दू पक्ष ने एक बार फिर कहा है कि काशी और मथुरा के मुद्दे को मुस्लिम पक्ष कोर्ट से बाहर सुलझा ले तो बेहतर है. इससे मामला लंबा नहीं खिंचेगा. उधर हिन्दू पक्ष ने एएसआई सर्वे रिपोर्ट के बाद अब कथित शिवलिंग वाले वजूखाना परिसर के सर्वे के लिए भी याचिका दाखिल की है. हिन्दू पक्ष का भी कहना है कि वर्शिप ऑफ प्लेसेस एक्ट इस केस में शामिल नहीं होता, क्योंकि यहां पहले से ही मंदिर है, यहां पुरानी स्थिति बदलने का मामला नहीं है.


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