Gyanvapi Masjid: नहीं रहे मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी मस्जिद केस में पैरवी करने वाले वकील अभय यादव, दिल का दौरा पड़ने से निधन
Gyanvapi Masjid: परिवार वालों के मुताबिक रविवार देर रात 10.30 बजे के करीब उन्हें सीने में तेज दर्द की शिकायत होने पर पहले त्रिमूर्ति और फिर शुभम हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया... देर रात उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया. सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
जयपाल/वाराणसी: वाराणसी (Varanasi) से बड़ी खबर सामने आई है. यहां श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी केस (Shringar Gauri and Gyanvapi Case) में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव (Abhay Nath Yadav) का निधन हो गया है. यादव को देर रात हार्ट अटैक आया जिसके बाद परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
वाराणसी के मकबूल आलम रोड स्थित हॉस्पिटल में थे भर्ती
बनारस बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता नित्यानंद राय (Nityanand Roy) ने बताया कि रविवार देर रात 10:30 बजे के करीब मेजर हार्ट अटैक (Heart Attack) आया था. जिसके बाद उन्हें पहले त्रिमूर्ति हास्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उसके बाद उनके परिवार वाले शुभम हास्पिटल भी ले गए, जहां कोई एक्टिविटी नहीं हुई फिर शिवम हास्पिटल के डॉक्टर ने भी उनकी मौत की पुष्टि कर दी.
जानें कौन हैं अभय नाथ यादव
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस में नियमित दर्शन पूजन के लिए मांग रखी गई है. जिसमें अंजुमन इंतजामिया कमेटी मुस्लिम पक्ष (Anjuman Insanjariya Committee Muslim Party) की पैरवी कर रही है. अभय नाथ यादव इस कमेटी के प्रमुख वकील के तौर पर थे. श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन पूजन मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ से अभय नाथ यादव प्रमुख वकील के तौर पर पेश होते रहे है. इसी मामले में अभय नाथ यादव ही प्रमुख मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील पेश करते रहे हैं.
22 जून को हुई थी बेटी की शादी
हालांकि अभी उनका अंतिम संस्कार नहीं हुआ है. अभी डेड बॉडी घर पर है और बेटी का इंतजार हो रहा है जिसकी पिछले महीने 22 जून को शादी हुई थी. बेटी के आने के बाद ही अब अभय नाथ यादव का दाह संस्कार होगा.
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में दोनों पक्षों की दलील पूरी हो चुकी है. इस मामले में 4 अगस्त को मुस्लिम पक्ष की तरफ से अभय नाथ यादव को प्रत्युत्तर पेश करना था.