CWG 2022 Vijay Yadav Bronze: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पहली बार में ही वाराणसी के विजय यादव ने जीत हासिल कर ली है. वाराणसी के सुलेमापुर गांव में जश्न का माहौल छाया हुआ है. गांव के सभी युवा विजय की उपलब्धि पर उत्साहित हैं और उनकी माता चिंता देवी और पिता दशरथ यादव की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. पिताजी ने बताया कि विजय की पढ़ाई बेहद गरीबी में हुई है. अपने बेटे के बारे में बताते हुए दशरथ यादव भावुक हो गए और उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए.


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बचपन से नटखट थे विजय
बेटे विजय की उपलब्धि पर पूरा गांव खुशी से झूम रहा है. घर में लोगों की काफी भीड़ है और लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं. पिता ने एक वाक़या साझा करते हुए कहा कि विजय बचपन से ही नटखट था. वह स्कूल जाते समय दो पैंट एक साथ पहनकर जाता जाता था, ताकि अध्यापक की मार पड़ने पर असर कम हो. 


5 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं विजय
बता दें, विजय यादव कुल 3 भाई और 2 बहनों में सबसे छोटे हैं. विजय की पढ़ाई पास के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी. आगे गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई के बाद विजय ट्रेनिंग के लिए भोपाल चले गए. जैसे ही घरवालों को कांस्य पदक जीतने की जानकारी मिली, उसके बाद उन्होंने विजय से वीडियो कॉलिंग करके बात की और हाल-चाल जाना. पीएम मोदी ने भी विजय यादव के मेडल जीतने पर ट्वीट किया और कहा कि देश को उनपर गर्व है. कहा देश को 


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जूडो के आगे विजय को कुछ नहीं दिखता
इतना ही नहीं, गोरखपुर यूनिवर्सिटी में फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के आचार्य प्रो. विजय कुमार चहल ने मीडिया को बताया कि विजय जूडो के प्रति इतनी समर्पित है, जितना किसी ने नहीं देखा होगा. कॉलेज टाइम में भी विजय को केवल खेल ही दिखाई देता था और कुछ नहीं. उन्होंने बताया कि विजय यादव प्रैक्टिस के दौरान अपना सारा दर्द औऱ तकलीफ भूल जाता था. प्रोफेसर ने बताया कि विजय बातूनी नहीं है, लेकिन जूडो मैट पर डायरेक्ट दहाड़ता है.


पहले भी जीत चुके हैं कई पदक


  • कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड

  • 2018 एशियन ओपन हांगकांग में ब्रॉन्ज पदक

  • साउथ एशियन जूडो चैंपियनशिप में गोल्ड

  • 18वें एशियाई खेल में के टीम स्पर्धा में पांचवां स्थान

  • तीन बार सीनियर नेशनल जूडो में गोल्ड मेडल जीता


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