अजीत सिंह/फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर डीएम की गाय का इलाज कराने के लिए पशु डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने वाले पशु चिकित्सा अधिकारी एसके तिवारी को शासन ने निलंबित कर दिया है. पशु चिकित्सा अधिकारी एसके तिवारी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया था,जिसमें सोमवार से लेकर रविवार तक पशु चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई थी. वहीं, कहा गया था कि यह फतेहपुर के डीएम अपूर्व की गाय का इलाज करेंगे. पत्र वायरल करने का भी आरोप पशु चिकित्सा अधीक्षक पर है.


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जिलाधिकारी बोलीं- मेरे पास नहीं है गाय 
जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने बताया कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है. उन्होंने ऐसी कोई चिट्ठी जारी कर आदेश नहीं दिया है और न ही इस पर कोई संज्ञान लिया गया है. इसके साथ ही डीएम ने कहा कि उन्होंने कोई गाय नहीं पाली हुई है. उनके पास कोई निजी गाय नहीं है. यहां तक कि उनके परिवार में कोई गाय नहीं पली हुई है. शहर में सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को  लेकर यह मामला उजागर हुआ है. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे पत्र का खंडन डीएम ने कर दिया है, जिसमें मुख्य पशु चिकित्सक की एक चिट्ठी में डीएम अपूर्वा दुबे की गाय की देखभाल के लिए सात डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की बात कही गई है.


शाम को हो गया पशु चिकित्सा अधिकारी का निलबंन 
अगर पत्र में गाय के इलाज की बात की गई थी तो उसमें क्या सच्चाई है. इस बात की भी जांच होनी चाहिए, लेकिन अपूर्वा कानपुर नगर के जिलाधिकारी विशाख जी की पत्नी हैं, जो कि लंबे समय तक मुख्यमंत्री के विशेष सचिव रहे हैं और हालही में कानपुर नगर के जिला अधिकारी के तौर पर तैनाती हुई है लिहाजा इस निलंबन के पीछे अपूर्व के पति का रसूख भी दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि सुबह पत्र वायरल हुआ और दोपहर में जिलाधिकारी फतेहपुर अपूर्वा ने बयान दिया निलंबन की संस्तुति की और शाम होते-होते पशु चिकित्सा अधिकारी का निलंबन हो गया.


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