Disadvantages of Gym: आधुनिकता के दौर में अखाड़ों की जगह जिम ने ले ली है. लोग अब अखाड़ों में पहलवानी और कुश्‍ती नहीं करते बल्कि जिम में जाकर घंटों पसीना बहाते हैं. यही वजह है कि देशभर में अखाड़ों के अस्तित्‍व पर संकट गहराने लगे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि व्‍यायाम के लिए अखाड़ा बेहतर है या जिम. तो आइये जानते हैं दोनों में क्‍या अंतर होता है और इसके फायदे क्‍या हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अखाड़ा और जिम में यह है अंतर 
दरअसल, अखाड़ों में भारतीय संस्‍कृति और परंपरा के दृश्‍य नजर आते हैं. यहां नियमों का पालन होता है. अखाड़ों में आने वालों को शारीरिक के साथ मानसिक नियमों का भी पालन करना होता है. अखाड़ों के लिए सुबह का समय तय किया गया है. खान-पान में मांस मदिरा के सेवन से दूर रहने से लेकर ब्रहमचर्य के पालन तक का ध्‍यान रखना होता है. यहां वर्जिश करने वाले पहलवान एक तरह से सात्‍विक विचारों के साथ जीवन जीते हैं. 


अखाड़ों में व्‍यायाम से शरीर को नुकसान नहीं 
साथ ही ऐसे लोगों को खाने पीने में दूध, घी, छाछ, हरी सब्‍जियां, फल, मेवे और नेचुरल चीजों को प्राथमिकता दी जाती है. वहीं, अखाड़ों में कम सुविधा वाले उपकरणों से व्‍यायाम ज्‍यादा किया जाता है. जैसे डंबल उठाना, मुगदल घुमाना, अखाड़ों की मिट्टी समतल करना, बैठक और दंड बैठक लगाना आदि. इस सारे तरीकों से व्‍यायाम करने पर शरीर को कोई नुकसान नहीं होता. इसके अलावा शरीर ज्‍यादा बलशाली और निखरकर आता है. 


आधुनिक मशीनों की मदद से शरीर को उभारा जा रहा 
वहीं, जिम में न तो अखाड़ों की तरह गुरु शिष्‍य परंपरा है और न ही श्रद्धा भक्‍ति का कुछ ध्‍यान रखा जाता है. जिम का मकसद सिर्फ शरीर को सुडौल बनाना ही है. जिम 24 घंटा खुले होते हैं, ऐसे में लोग सुबह की बजाए यहां शाम को, रात में या दोपहर में भी वर्कआउट कर सकते हैं. जिम में अखाड़ों की तरह न ब्रह्मचर्य का पालन करना है और न ही संयमित जीवन बिताना है. अखाड़ों के विपरीत जिम में आधुनिक मशीनों की मदद से शरीर के हर एक अंग को उभार दिया जा सकता है. 


विटामिन और प्रोटीन पाउडर खाने पर जोर 
साथ ही जिम में सेहत के लिए तमाम तरह के विटामिन और प्रोटीन पाउडर खाने के लिए बाध्‍य किया जाता है. इसके कई साइड इफेक्‍ट होते हैं. यहां नेचुरल्‍स खाद्य सामग्री से ज्‍यादा आर्टिफिशियल डाइट पर ध्‍यान दिया जाता है. जिम जाने वाले कभी दूध, घी और मेवे की बात नहीं करते. इसके अलावा जिम में हार्मोन और स्‍टेरॉयड का सहारा लिया जाता है. इससे कम समय में ज्‍यादा अच्‍छी बॉडी बनाई जा सके. ऐसे में इसके कई नुकसान सामने आते हैं. 


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


WATCH: आज है वैलेंटाइन वीक का तीसरा दिन चॉकलेट डे, जानें कब और किसने सबसे पहले मनाया ये दिन