लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां लखनऊ-सीतापुर मार्ग पर वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम एक परियोजना के लिए मूल्यांकन कर रही थी. इसी दौरान गोमती नदी में टीम के सदस्यों ने एक ऊदबिलाव (Beaver) को देखा. आपको बता दें कि 929 किलोमीटर लंबी गोमती नदी में पहली बार किसी ऊदबिलाव को देखा गया है. इसके बाद पलक झपकते ही वह आंखों से ओझल भी हो गया. 


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यहां पाए जाते हैं ऊदबिलाव 
आपको बता दें ऊदबिलाव आमतौर पर वाइल्डलाइफ सैंच्यूरी में पाए जाते हैं. उत्तर प्रदेश में यह हैदरपुर वेटलैंड, हस्तिनापुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में देखे जाते हैं. वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम के सदस्य का कहना है कि गोमती नदी में अभी तक ऊदबिलाव पाए जाने का कोई भी रिकॉर्ड नहीं मिला है. ऐसे में अब ऊदबिलाव का दिखना महत्तवपूर्ण माना जा रहा है. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी भी गोमती नदी का कुछ हिस्सा रहने योग्य है. भारतीय वन्यजीव संस्थान संस्थान के सदस्य एक परियोजना के तहत यहां परिस्थितक मूल्यांकर करने आए थे तभी उन्हें यह ऊदबिलाव दिखा.


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स्तनधारी प्राणी होता है ऊदबिलाव 
ऊदबिलाव को अर्धजलीय स्तनधारी प्राणी कहा जाता है. यह बिल्ली के आकार के होते हैं और मुख्यत: पानी में रहते हैं. आमतौर पर यह स्तनधारी प्राणी है समुद्र, तालाब, झीलों, साफ पानी की नदियों के आसपास मांद बनाकर रहता है. दुनियाभर में इस प्राणी की तेरह प्रजातियां पाई जाती हैं. ऐसे में इसका गोमती नदी में दिखना अहम माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक गोमती नदी में आसपास के 150 से ज्यादा गांवों सहित कई नालों और उद्योगों का पानी गिरता है. प्रतिदिन 865 एमएलडी पानी नदी में डाला जाता है जिसमें सीवर का पानी भी शामिल है. 


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