World Wealth Report 2023 : कोरोना काल के बाद भारत में अरबपतियों की संख्‍या बढ़ी है. साल 2022 में भारत में सबसे अधिक अमीर यानी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की संपत्ति में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही इस कैटेगरी में आने वाले लोगों की संख्या भी पहले के मुकाबले 10.5 फीसदी बढ़ी है. अब भारत से कुल 308 लोग अल्ट्रा-रिच की श्रेणी में आ गए. इसका खुलासा कैपजेमिनी की 'वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट' में हुआ है.


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दुनिया के आंकड़ों से भारत पीछे
कैपजेमिनी की 'वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट' की मानें तो वैश्विक स्तर पर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) संख्या में 7.8 प्रतिशत से बढ़कर 22.5 मिलियन व्यक्ति हो गई है. अन्य देशों की तुलना में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) की आबादी  काफी कम है. साल 2020 में भारत में 261 एचएनआई थे, जो 2021 में बढ़कर 308 हो गए. सामूहिक रूप से भारतीयों की संपत्ति में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.


इन कारणों से बढ़ी संपत्ति
भारत के केंद्रीय बैंक से Higher liquidity support, यहां पर Liquidity का मतलब सहजता से है
घरेलू सरकार की नीतियों का समर्थन करना
टीकाकरण अभियान में लगातार वृद्धि
शानदार रिटर्न देने वाले बाजार के माध्यम से धन का विस्तार


कौन होते हैं अल्ट्रा-एचएनआई लोग?
कैपजेमिनी की 'वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट' के अनुसार, अल्ट्रा-एचएनआई वो लोग होते हैं जिनकी संपत्ति 30 मिलियन डॉलर से अधिक है. दुनियाभर में लगभग 220, 221 व्यक्तियों के पास 30 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति है. इसमें पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत और ताइवान अल्ट्रा-एचएनआई श्रेणी में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले देश हैं.


क्रिप्‍टो और एनएफटी जैसी डिजिटल संपत्ति में निवेश 
रिपोर्ट के अनुसार, 'लंबे समय तक चलने वाले आर्थिक और भू-राजनीतिक संकट ने अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट देखी गई, लेकिन भारत के लचीले आर्थिक प्रदर्शन ने देश को संकट के इस साल में भी ग्लोबल ट्रेंड को मात दी'. सबसे खास बात हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) में 71 प्रतिशत ने क्रिप्टो और Non-fungible Tokens (NFT) जैसी डिजिटल संपत्ति में निवेश किया है.


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