लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार शाम राजभवन लखनऊ में अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार दोपहर 2 बजे गुजरात से लखनऊ लौटीं और राजभवन ने कैबिनेट विस्तार की सूचना जारी कर दी. योगी आदित्यनाथ सरकार में सात नए मंत्रियों को शपथ दिलाने की संभावना है. इनके नाम लगभग फाइनल हैं. योगी मंत्रिमंडल में ब्राह्मण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद का शामिल होना तय है. 


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अन्य छह मंत्री एससी और ओबीसी वर्ग के होंगे. सूत्रों की मानें तो जितिन जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री व अन्य छह को स्वतंत्र प्रभार तथा राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. संजय गोंड (अनुसूचित जनजाति), धर्मवीर प्रजापति (ओबीसी प्रजापति), छत्रपाल गंगवार (ओबीसी कुर्मी), संगीता बलवंत बिंद (ओबीसी निषाद), पलटू राम (जाटव) और दिनेश खटीक (ओबीसी सोनकर) स्वतंत्र मंत्री या राज्य मंत्री बनेंगे.


जितिन प्रसाद: कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री रहे जितिन प्रसाद का रुहेलखंड क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है. वह दो बार सांसद रहे, 2004 में शाहजहांपुर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने. इसके बाद 2008 में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए. परिसीमन के बाद 2009 में धौरहरा सीट से चुनाव लड़े और सांसद बने. वह सड़क परिवहन, पेट्रोलियम और मानव संसाधन विभाग में राज्यमंत्री रह चुके हैं. जितिन 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में धौरहरा से हार गए. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस में वह हाशिए पर चले गए. फिर जितिन ने इस साल की शुरुआत में भाजपा का दामन थाम लिया. जितिन के पिता जितेन्द्र प्रसाद शाहजहांपुर से चार बार सांसद और पूर्व प्रधानमंत्रियों राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनितिक सलाहकार रहे.


धर्मवीर प्रजापति: आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का नाम भी मंत्रियों की सूची में है. वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के साथ माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं. वह यूपी भाजपा में कई महत्वपूर्ण दायित्व संभाल चुके हैं. धर्मवीर प्रजापति मूलरूप से हाथरस जिले के बहरदोई के रहने वाले हैं. वह आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. भाजपा से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. वर्ष 2002 मे पहली बार उन्हें पार्टी में दायित्व मिला और तत्कालीन पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में वह प्रदेश महामंत्री बने. इसके बाद दो बार प्रदेश संगठन में मंत्री का दायित्व संभालने का मौका मिला. वह ओबीसी में आने वाले प्रजापति समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं.


संजय गोंड: संजीव सिंह गोंड उर्फ संजय गोंड सोनभद्र के ओबरा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं. संजय गोंड अनुसूचित जनजाति से आते हैं. वह अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. गोंड जाति की सोनभद्र, मिर्जापुर व चंदौली समेत पूर्वांचल के कई जिलों में अच्छी संख्या है. गोंड जाति को साधने के लिए भाजपा उन्हें मंत्री बना रही है. गोंड जाति का समर्थन भाजपा को 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में मिला था. 


छत्रपाल गंगवार: बरेली के बहेड़ी से लगातार दूसरी बार विधायक बने छत्रपाल गंगवार को जिले का प्रतिनिधित्व देने के साथ पिछड़ा वर्ग के वोट को सहेजने के लिए मंत्री बनाया जा रहा है. सरकार बनने के बाद कैंट विधायक को वित्त मंत्री और आंवला विधायक धर्मपाल सिंह को सिंचाई मंत्री बनाकर जिले का कद मजबूत किया गया था. इसके बाद दोनों से इस्तीफा ले लिया गया था. छत्रपाल गंगवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ लंबे समय तक काम किया है. बहेड़ी, नवाबगंज, भोजीपुरा और आंवला क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग से मंत्री बनाए जाने का सीधा प्रभाव माना जा रहा है. बहेड़ी का एक हिस्सा पीलीभीत संसदीय क्षेत्र में भी आता है.


संगीता बिंद: संगीता बलवंत बिंद निषाद समुदाय से आती हैं. वह गाजीपुर सदर सीट से भाजपा की विधायक हैं. वह पिछड़ी जाति बिंद समाज से आती हैं. वह पहली बार विधायक चुनी गई हैं. संगीता छात्र राजनीति और पंचायत की राजनीति से सक्रिय राजनीति में आई हैं. 42 वर्ष की संगीता युवा महिला नेत्री हैं. इनको मंत्री बनाकर भाजपा निषाद समुदाय को साधना चाहती है जो बीते 3 चुनावों से भाजपा के साथ है.


पलटू राम: योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे भाजपा विधायक पलटू राम बलरामपुर की सदर सुरक्षित सीट से विधायक हैं. वह राजनीति के अलावा खेती भी करते हैं और सादगी से अपना जीवन गुजारते हैं. गोंडा जिले के परेड सरकार गांव में जन्में विधायक पलटू राम ने अवध विश्वविद्यालय से एमए तक की शिक्षा प्राप्त की. राजनीति में रुझान होने के कारण छात्र जीवन से ही सामाजिक कार्यों में भागीदारी करते रहे. 


दिनेश खटीक: मेरठ के हस्तिनापुर से भाजपा विधायक दिनेश खटीक को मंत्री बनाया जा रहा है. 44 वर्षीय दिनेश खटीक मवाना थाना क्षेत्र के कस्बा फलावदा के रहने वाले हैं. इन्होंने 2017 में पहली बार भाजपा की ओर से हस्तिनापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था. पहली ही बार में दिनेश खटीक ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को पराजित कर जीत हासिल की. दिनेश खटीक शुरू से ही भाजपा में रहे हैं और संघ के स्वयंसेवक हैं. इनके पिता भी संघ के स्वयंसेवक थे. भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. विधायक दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट भट्टे का व्यवसाय है. वह मेरठ के गंगानगर में रहते हैं.


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