अजीत सिंह/लखनऊ: उत्तरप्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए पूरी पावर और एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. ओवर लोडिंग ट्रांसफार्मर, फीडर एवं सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाई जा रही है. प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा बार-बार होने वाली ट्रिपिंग को रोकने के लिए नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है. 40 से 50 साल पुराने खस्ताहाल व झूलते तारों को एवं पुराने खंभों को भी हटाया जा रहा है. साथ ही प्रदेश में हो रहे लाइन लॉस को कम करने एवं विद्युत चोरी को रोकने की दिशा में गंभीर प्रयास हो रहे हैं. यही नहीं प्रदेश की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करने के लिए थर्मल एनर्जी के साथ साथ अक्षय ऊर्जा संसाधनों को भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है.


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तेजी से बढ़ रही ऊर्जा खपत


ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि विद्युत कार्मिकों के अथक मेहनत से पिछले जुलाई माह में उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा मांग के अनुरुप 26,537 मेगावाट इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई की गई. इस तरह यूपी विद्युत आपूर्ति के मामले में महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे नंबर पर है. उन्होंने कहा कि आज जहां कई प्रदेशों में बिजली का संकट है, वहीं हमारे प्रदेश में नागरिकों को बिजली संकट के दौरान भी भारी राहत दी गई. उन्होंने कहा कि एनएलडीसी और एसएलडीसी की रिपोर्ट के आधार पर पीक डिमांड के समय महाराष्ट्र में सर्वाधिक 28,846 मेगावाट, उत्तर प्रदेश में 26,537 मेगावाट, गुजरात में 21,382 मेगावाट, तमिलनाडु में 17,563 मेगावाट तथा राजस्थान में 16,012 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की गई. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश को मांग के अनुरुप विद्युत आपूर्ति की जाएगी. इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. हमारे प्रदेश की ऊर्जा खपत में भी विगत वर्ष के सापेक्ष 27.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. आने वाले समय में बेहतर ढांचागत सुविधाएं बढ़ाकर हमारा प्रदेश देश में नंबर एक ऊर्जा खपत करने वाला प्रदेश बनेगा.


बिजली बिल में आई कमी


ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भीषण गर्मी एवं उमस में भी उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति देने के लिए ढांचागत व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है, इससे ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने तथा ट्रिपिंग में कमी आई है. उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्राथमिकता के तौर पर समाधान करने के लिए 18 मई, 2022 को 'सम्भव' पोर्टल की शुरुआत की गई और अब तक 12,053 शिकायतों का निस्तारण किया गया. एक जून, 2022 को 'एकमुश्त समाधान योजना' के माध्यम से 38 लाख से अधिक बकायेदार उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई. विद्युत उत्पादन इकाइयों के बेहतर संचालन से विद्युत उत्पादन में 36 प्रतिशत तथा पीएलएफ में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार उपभोक्ताओं के बिजली बिल में प्रति यूनिट 50 से 60 पैसा तक की ऐतिहासिक कमी की गयी.